भारत का राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति तथा संबंधित अनुच्छेद

संविधान के भाग V के अनुच्छेद 52 से 78 तक में संघ की कार्यपालिका का वर्णन है। संघ की कार्यपालिका में भारत का राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल तथा महान्यायवादी शामिल होते हैं।

राष्ट्रपति, भारत का राज्य प्रमुख होता है। वह भारत का प्रथम नागरिक है और राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं सुदृढ़ता का प्रतीक होता है।

भारत का राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति

संविधान में सरकार का स्वरूप संसदीय है। फलस्वरूप राष्ट्रपति केवल कार्यकारी प्रधान होता है। मुख्य शक्तियां प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में निहित होती हैं। अन्य शब्दों में, राष्ट्रपति अपनी कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल की सहायता व सलाह से करता है।

डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने राष्ट्रपति की वास्तविक स्थिति को निम्न प्रकार से बताया है:-

भारतीय संविधान में, भारतीय संघ के कार्यकलापों का एक प्रमुख होगा, जिसे संघ का राष्ट्रपति कहा जाएगा।”

भारत एवं अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तुलना

कार्यपालक उपाधि अमेरिका के राष्ट्रपति की याद दिलाती है। नाम में समानता के अतिरिक्त, अमेरिका में प्रचलित सरकार एवं भारतीय संविधान के तहत अपनाई गई सरकार में अन्य कोई समानता नहीं है।

  • सरकार की अमेरिकी व्यवस्था को राष्ट्रपति व्यवस्था कहा जाता है और भारतीय व्यवस्था को संसदीय व्यवस्था कहा जाता है।
  • अमेरिका की राष्ट्रपति व्यवस्था में कार्यकारी व प्रशासनिक शक्तियां राष्ट्रपति में निहित हैं। भारतीय संविधान के अंतर्गत राष्ट्रपति की स्थिति वही है जो ब्रिटिश संविधान के अंतर्गत राजा की स्थिति है।
  • वह राष्ट्र का प्रमुख होता है, पर कार्यकारी नहीं होता।
  • वह राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है, उस पर शासन नहीं करता है।
  • वह राष्ट्र का प्रतीक है। वह प्रशासन में औपचारिक रूप से सम्मिलित है अथवा एक मुहर के रूप में है जिसके नाम पर राष्ट्र के निर्णय लिए जाते हैं।
  • वह मंत्रिमंडल की सलाह पर निर्भर है।
  • वह उसकी सलाह के विरुद्ध अथवा उनकी सलाह के बिना कुछ नहीं कर सकता है।
  • अमेरिका का राष्ट्रपति किसी भी सचिव को किसी भी समय हटा सकता है। भारत के राष्ट्रपति के पास ऐसा करने का शक्ति नहीं है जब तक कि उसके मंत्रियों का संसद में बहुमत हो।

अनुच्छेद 53, 74 और 75 के प्रावधानों

राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति को समझने के लिए, विशेष रूप स अनुच्छेद 53, 74 और 75 के प्रावधानों का संदर्भ लिया गयाः

  • संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा (अनुच्छेद 53)।
  • राष्ट्रपति को सहायता तथा सलाह के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिपरिषद होगी वह संविधान के अनुसार अपने कार्यों व कर्तव्यों का उनकी सलाह पर निर्वहन करेगा (अनुच्छेद 74)।
  • मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी (अनुच्छेद 75)।

यह उपबंध संसदीय व्यवस्था की नींव है 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 (इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लागू) में कहा गया कि राष्ट्रपति पर प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद की सलाह बाध्यकारी है।

44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 (जनता पार्टी सरकार द्वारा लागू) में कहा गया कि राष्ट्रपति को अधिकार है कि वह सामान्यतः अथवा अन्यथा रूप से मंत्रिमंडल को सलाह पर पुनर्विचार के लिए कह सकता है। हालांकि पुनर्विचार के बाद दी गई सलाह मानने के लिए वह बाध्य है।

राष्ट्रपति निम्नलिखित परिस्थितियों में अपनी विवेक स्वतंत्रता का प्रयोग (बिना मंत्रिमंडल की सलाह पर) कर सकता है:

  • लोकसभा में किसी भी दल के पास स्पष्ट बहुमत न होने पर अथवा जब प्रधानमंत्री की अचानक मृत्यु हो जाए तथा उसका कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी न हो वह प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है।
  • वह मंत्रिमंडल को विघटित कर सकता है, यदि वह सदन में विश्वास मत सिद्ध न कर सके।
  • वह लोकसभा को विघटित कर सकता है यदि मंत्रिमंडल ने अपना बहुमत खो दिया हो।

भारत का राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद : एक नजर

अनुच्छेदविषयवस्तु
52भारत के राष्ट्रपति
53संघ की कार्यपालक शक्ति
54राष्ट्रपति का चुनाव
55राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका
56राष्ट्रपति का कार्यकाल
57पुन: चुनाव के लिए अहता
58राष्ट्रपति चुने जाने के लिए योग्यता
59राष्ट्रपति कार्यालय की दशाए
60राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण
61राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया
62राष्ट्रपति पद की रिक्ति की पूर्ति के लिए चुनाव कराने का समय
65उप-राष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना
71राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित मामले
72राष्ट्रपति की क्षमादान इत्यादि को शक्ति
74मंत्रिपरिषद का राष्ट्रपति को परामर्श एवं सहयोग प्रदान करना।
75मंत्रियों से संबंधित अन्य प्रावधान. जैसे-नियुक्ति कार्य व वेतन इत्यादि
76भारत के महान्यायवादी
77भारत सरकार द्वारा कार्यवाही का संचालन
78राष्ट्रपति को सूचना प्रदान करने से संबंधित प्रधानमंत्री के दायित्व इत्यादि
85संसद के सत्र सत्रावसान तथा भंग करना
111संसद द्वारा पारित विधेयकों पर सहमति प्रदान करना
112संघीय बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण)
123राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति
143राष्ट्रपति की सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति

 

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