अनुच्छेद- 112 | भारत का संविधान

अनुच्छेद 112 (Article 112 in Hindi) – वार्षिक वित्तीय विवरण

(1) राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में संसद‌ के दोनों सदनों के समक्ष भारत सरकार की उस वर्ष के लिए प्राक्कलित प्राप्तियों और व्यय का विवरण रखवाएगा जिसे इस भाग में ”वार्षिक वित्तीय विवरण” कहा गया है।

(2) वार्षिक वित्तीय विवरण में दिए हुए व्यय के प्राक्कलनों में–

  • इस संविधान में भारत की संचित निधि पर भारित व्यय के रूप में वर्णित व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित राशियाँ, और
  • भारत की संचित निधि में से किए जाने के लिए प्रस्थापित अन्य व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित राशियाँ, पृथक-पृथक दिखाई जाएँगी और राजस्व लेखे होने वाले व्यय का अन्य व्यय से भेद किया जाएगा।

(3) निम्नलिखित व्यय भारत की संचित निधि पर भारित व्यय होगा, अर्थात्‌: —

  • राष्ट्रपति की उपलब्धियाँ और भत्ते तथा उसके पद से संबंधित अन्य व्यय;
  • राज्यसभा के सभापति और उपसभापति के तथा लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते;
  • ऐसे ऋण भार, जिनका दायित्व भारत सरकार पर है, जिनके अंतर्गत ब्याज, निक्षेप निधि भार और मोचन भार तथा उधार लेने और ऋण सेवा और ऋण मोचन से संबंधित अन्य व्यय हैं;
  • उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को या उनके संबंध में संदेय वेतन, भत्ते और पेंशन;
  • फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों को या उनके संबंध में संदेय पेंशन;
  • भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को, या उसके संबंध में, संदेय वेतन, भत्ते और पेंशन;
  • किसी न्यायालय या माध्यम ओंधकरण के निर्णय, डिक्री या पंचाट की तुष्टि के लिए अपेक्षित राशियाँ;
  • कोई अन्य व्यय जो इस संविधान द्वारा या संसद‌ द्वारा, विधि द्वारा, इस प्रकार भारित घोषित किया जाता है।
  • उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को या उनके संबंध में दी जाने वाली पेंशन

अनुच्छेद 112 (Article 112 in Hindi)

संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, एक वर्ष के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement- AFS) कहा जाता है।

यह एक वित्तीय वर्ष में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण है; (जो चालू वर्ष में 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होता है)।

बजट में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया जाता है:

  • राजस्व और पूंजी प्राप्तियों का अनुमान।
  • राजस्व बढ़ाने के तरीके और साधन।
  • व्यय अनुमान।
  • पिछले वित्तीय वर्ष की वास्तविक प्राप्तियों और व्यय का विवरण तथा उस वर्ष में किसी भी कमी या अधिशेष का कारण।
  • आने वाले वर्ष की आर्थिक और वित्तीय नीति, अर्थात् कराधान प्रस्ताव तथा नई योजनाओं/परियोजनाओं की शुरुआत।

संसद में बजट छह चरणों से गुज़रता है:

  • बजट की प्रस्तुति।
  • आम चर्चा।
  • विभागीय समितियों द्वारा जाँच।
  • अनुदान मांगों पर मतदान।
  • विनियोग विधेयक पारित करना।
  • वित्त विधेयक पारित करना।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग का बजट डिवीज़न बजट तैयार करने हेतु ज़िम्मेदार केंद्रीय निकाय है। स्वतंत्र भारत का पहला बजट वर्ष 1947 में प्रस्तुत किया गया था।

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