राष्ट्रपति शासन व्यवस्था की विशेषताएं, गुण तथा दोष

सरकार की राष्ट्रपति शासन व्यवस्था में कार्यपालिका अपनी नीतियों एवं कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती और यह संवैधानिक रूप से अपने कार्यकाल के मामले में विधायिका से स्वतंत्र होती है।

राष्ट्रपति शासन व्यवस्था

यह अमेरिका, ब्राजील, रूस, श्रीलंका आदि में प्रचलित है और राष्ट्रपति सरकार को ‘गैर-उत्तरदायी‘ या ‘गैर-संसदीय या निश्चित कार्यकारी व्यवस्था‘ भी कहा जाता है।

राष्ट्रपति शासन व्यवस्था की विशेषताएं

भारतीय संविधान के विपरीत, अमेरिकी संविधान सरकार में राष्ट्रपति शासन की व्यवस्था करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति शासन व्यवस्था वाली सरकार की निम्नलिखित विशेषताए हैं:

  • अमेरिकी राष्ट्रपति, राज्य व सरकार दोनों का मुखिया होता है। एक राज्य का प्रमुख होने के नाते उसे राजकीय स्थिति प्राप्त होती है और एक सरकार का मुखिया होने के नात वह सरकार के कार्यकारी अंगों का नेतृत्व करता है।
  • राष्ट्रपति को निर्वाचन व्यवस्था के तहत चार वर्ष के निश्चित कार्यकाल के लिए निर्वाचित किया जाता है। उसे कांग्रेस द्वारा गैेर-संवैधानिक कार्य के लिए दोषी पाए जाने के अतिरिक्त नहीं हटाया जा सकता।
  • राष्ट्रपति कैबिनेट या छोटी इकाई ‘किचन कैबिनेट’ की सहायता से शासन चलाता है। यह केवल एक परामर्शदात्री इकाई होती है और इसमें गैर-निर्वाचित विभागीय सचिव होत हैं। इनका चयन एवं नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है और ये केवल उसके प्रति उत्तरदायी होते हैं और उसी के द्वारा किसी भी समय उन्हें हटाया जा सकता है।
  • राष्ट्रपति और उसके सचिव अपने कार्यों के लिए कांग्रेस के प्रति उत्तरदायी नहीं होते। वे न तो कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हैं और न ही सत्र में भाग लेते हैं।
  • राष्ट्रपति “हाउस ऑफ रिप्रजेंटिटिव’ का विघटन नहीं कर सकता (कांग्रेस का निचला सदन) |

शक्तियों के विभाजन का सिद्धांत, अमेरिकी राष्ट्रपति शासन का आधार है। सरकार की विधायी, कार्यकारी एवं न्यायिक शक्तियों को सरकार की तीन स्वतंत्र इकाइयों में विभाजित एवं विस्तृत किया गया है।

राष्ट्रपति शासन व्यवस्था की विशेषतायें

  • एकल कार्यकारिणी।
  • राष्ट्रपति एवं विधायिका का पृथक रूप से निश्चित अवधि के लिए निर्वाचन
  • उत्तरदायित्व का अभाव।
  • राजनीतिक एकरूपता नहीं रहती।
  • एकल सदस्यता।
  • राष्ट्रपति का नियंत्रण।
  • निचला सदन विघटित न होना।
  • शक्तियों का विभेद।

सरकार की राष्ट्रपति शासन व्यवस्था के दोष

  • विधायिका एवं कार्यपालिका के बीच टकराव
  • गैर-उत्तरदायी सरकार।
  • गैर-उत्तरदायी नेतृत्व की संभावना
  • सीमित प्रतिनिधित्व

राष्ट्रपति शासन व्यवस्था के गुण

  • स्थायी सरकार
  • नीतियों में निश्चितता
  • शक्तियों के विभाजन पर आधारित।
  • विशेषज्ञों द्वारा सरकार

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