क्या है औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी)?

नवंबर, 2020 के लिए जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production -IIP) में बताया गया है कि भारत में 2020 के नवंबर माह में औद्योगिक उत्पादन 1.9% सिकुड़ गया था। पिछले दो महीने के बाद अब फिर से यह निगेटिव दर में चला गया है।

क्या है औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी)?

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) , भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों के वृद्धि या विकास का विवरण प्रस्तुत करता है, यथा- रिफाइनरी उत्पाद, खनिज खनन, बिजली, विनिर्माण, सीमेंट आदि। इसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office -NSO) द्वारा, मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।

दरअसल यह सूचकांक अर्थव्यवस्था का एक समग्र संकेतक है; जो कि प्रमुख क्षेत्र (Core Sectors) एवं उपयोग आधारित क्षेत्र के आधार पर आँकड़े उपलब्ध कराता है; कोर सेक्टर का आईआईपी(IIP) में लगभग 40.27 फीसदी योगदान होता है ।

गौरतलब है कि आईआईपी, अर्थव्यवस्था के विभिन्न उद्योग समूहों में एक निश्चित समय अवधि में विकास दर को प्रदर्शित करता है; अर्थात आईआईपी, एक समग्र संकेतक है जो वर्गीकृत किये गए उद्योग समूहों की वृद्धि दर को मापता है;। इसके आकलन के लिये आधार वर्ष ‘2011-2012’ है।

आईआईपी में आठ कोर उद्योग का भारांश घटते के क्रम में निम्न प्रकार से है :

रिफाइनरी उत्पाद> विद्युत> इस्पात> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय तथा अन्य सरकारी एजेंसियों व संगठनों द्वारा सार्वजनिक नीति-निर्माण में किया जाता है।

विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में लगभग 77.63% हिस्सा है; और इसमें नवंबर 2020 में 1.7% का संकुचन दर्ज किया गया है; वहीं खनन क्षेत्र के उत्पादन में भी 7.3% की गिरावट आई है। हालाँकि, समीक्षाधीन माह में बिजली उत्पादन 3.5% बढ़ा है।

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