क्या है सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट?

केंद्र सरकार के द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी गयी थी जिसके तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक राजपथ के आस-पास बने सरकारी भवनों का पुनर्निमाण या पुनर्उद्धार किया जाना है। केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी।

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट?

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक राजपथ के आस-पास बने सरकारी भवनों का पुनर्निमाण या पुनर्उद्धार किया जाना है। सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट के तहत नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनर्निर्माण किया जाना है।

इसके अलावा नए आवासीय परिसर के निर्माण का प्रस्ताव भी सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट तहत रखा गया है; इस नए आवासीय परिसर में प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के आवास के अलावा सभी मंत्रालय और विभागों को समायोजित करने के लिए नए कार्यालय भवनों का निर्माण किया जाना है।

सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट की अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये रखी गयी है; इस प्रॉजेक्ट को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Central Vista Project के तहत नए संसद भवन के निर्माण

वर्तमान के संसद भवन का निर्माण 1921 में किया गया था; इस भवन को आधुनिक संवाद सुविधाओं और भूकंपरोधी सुरक्षा व्यवस्था के साथ आधुनिकीकृत नहीं किया जा सकता; क्योंकि इस भवन के अत्यधिक पुराने होने के कारण इसे नुकसान पहुंच सकता है;। अतः आधुनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये ही नए संसद भवन के निर्माण का निर्णय लिया गया है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया जाने वाला संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा; और इसे बनाने में कुल 971 करोड़ का खर्च अनुमानित किया गया है;। त्रिभुजाकार आकृति में बनने वाले नए संसद भवन के निर्माण का कार्य 2022 में 75वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा करने का लक्ष्य रहा गया है।

इस नए संसद भवन में 888 लोकसभा सदस्यों और संयुक्त सत्र में 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी; राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था के साथ भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का विकल्प रखा जाएगा।

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