दुग्ध उद्योग | दुग्ध उत्पादन में भारत की भूमिका

दुग्ध उद्योग (Dairy industry) वह शाखा है जिसमें औद्योगिक स्तर पर दूध के उत्पादन, प्रसंस्करण तथा वितरण की प्रयोगिक विधियों का अध्ययन एवं प्रयोग किया जाता है। दूध से अभिप्रायः उस तरल पदार्थ से है जो एक या एक से अधिक दुधारू पशुओं (गाय, भैस, भेड, बकरी) के पूर्ण दोहन से प्राप्त पूर्ण, ताजा एवं स्वच्छ लैक्टियल स्राव है । इसमें पशु के ब्याने के 15 दिन पूर्व तथा 15 दिन पश्चात् तक का स्राव सम्मिलित नहीं किया जाता है।

भारत में भी कुछ समय पहले तक दुग्ध उद्योग, ग्रामीण लघु उद्योग के रूप में स्थापित था। देश में Military Dairy Farm की स्थापना के बाद इस उद्योग का वाणिज्यीकरण (Commercialization) हुआ।

दुग्ध उद्योग का विकास (Development of Dairy industry in hindi)

दुग्ध व्यवसाय पशु पालन पर निर्भर व्यवसाय है। संसार की जनसंख्या का एक बडा भाग (लगभग 65%) शाकाहारी है। मांसाहारी जनसंख्या के लिए मास की उपलब्धता कम है तथा यह स्वास्थकर भी नहीं माना जा रहा है। अतः सन्तुलित भोजन के लिए दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के उपयोग का महत्व और भी अधिक बढ जाता है। इनकी आवश्यकता पूर्ती के लिए प्राचीन काल से ही पशु पालन को दुग्ध उत्पादन के उद्देश्य से अपनाया जा रहा है।

विश्व दुग्ध उत्पादन (World dairy industry in hindi)

  • संसार का 2003 में कुल दुग्घ उत्पादन (Dairy industry) 591.51 मिलियन टन था जिसमें गाय का योगदान 85.6% (506.85 MT), भैस से योगदान 12.3% (72.68 MT) तथा बकरी आदि का 2.03% (11.98 MT) योगदान है। संसार में दुग्ध उत्पादन की वृद्धि दर 0.78% वार्षिक है।
  • संसार के कुल दुग्ध उत्पादन का 2/3 भाग यूरोप (36.03%) तथा एशिया (30.69%) में उत्पादित किया जाता है। दूध का सबसे कम उत्पादन ओसिनिया महाद्वीप (4.24%) में है ।
  • गाय से यूरोप में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन (41.54%) लिया जाता है। इसके बाद घटते क्रम में क्रमशः एशिया (20.65%) तथा उत्तरी अमेरिका (19.55%) है ।
  • अफ्रीका में गाय का दुग्ध उत्पादन न्यूनतम (4.17%) रहा है। एशिया में अधिकतर दूध भैस से उत्पादित (96.94%) कराया जाता है, जबकि अफ्रीका का भैस से दूध उत्पादन में मात्र 2.86% का योगदान है । यूरोप में भैस से दूध का उत्पादन नगण्य (0.2%) है।
  • विश्व दुग्ध उत्पादन में भारत का योगदान सर्वाधिक (15%) है । इसके बाद अमेरिका (13%), रूस (5.5%), जर्मनी (4.7%) तथा पाकिस्तान (4.7%) क्रम में आता है । दुनिया का न्यूनतम दुग्ध उत्पादन देश जार्डन (0.032%) है । गाय के दुग्ध उत्पादन में अमेरिका (15.2%) का योगदान सर्वाधिक है।
  • दुग्ध उत्पादन की उच्चतम वृद्धि दर ओसिनिया (4.32%) में है इसके बाद घटते क्रम में क्रमशः एशिया (3.68%), अफ्रीका (3.52%), दक्षिणी अमेरिका (2.49%) तथा उत्तरी अमेरिका (1.45%) आते हैं। यूरोप में दुग्ध उत्पादन 0.68% वार्षिक की दर से घट रहा है।
  • चीन में दुग्ध उत्पादन वृद्धि दर (9.15%) सर्वाधिक रिकार्ड की गयी है । इसके बाद के क्रम में न्यूजीलैण्ड (4.87%), पाकिस्तान (4.55%), भारत (3.95%) तथा ब्राजील (3.44%) आते हैं।

गायें की औसत दुग्ध उत्पादकता

  • दुग्ध उत्पादकता का सर्वाधिक औसत उत्तर अमेरिकी (4808 kg/year) का है।
  • इसके बाद ओसेनिया (4180 kg/year), यूरोप (3987 kg/year), दक्षिणी अमेरिका (1564 kg/year), एशिया (1220 kg/year), तथा अफ्रीका (486 kg/year) का क्रम आता है।
  • विश्व के लिए दुग्ध उत्पादकता का औसत 2192 कि.ग्रा. प्रतिवर्ष है।
  • भारत में गायों की दुग्ध उत्पादकता 917 कि.ग्रा. प्रतिवर्ष है तथा घटते क्रम में दुग्ध उत्पादकता में भारत का 35वां स्थान है।

विश्व में सन 2002 का प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दुग्ध उपलब्धता का औसत 259 ग्राम था। यह औसत ओसेनिया में 2199 ग्राम, यूरोप में 807 ग्राम, उत्तरी एवं मध्य अमेरिका में 542 ग्राम, दक्षिणी अमेरिका में 356 ग्राम, एशिया में 128 ग्राम तथा अफ्रीका में मात्र 85 ग्राम है ।

दुग्ध पदार्थों का उत्पादन क्रम (Dairy industry)

  • अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादित होने वाले दुग्ध पदार्थों में चीज, मक्खन, घी, वाष्पित एवं संघनित दूध तथा दुग्ध चूर्ण प्रमुख है ।
  • सन् 2003 में चीज उत्पादन में यू.एस.ए. (4.22 MT) का प्रथम स्थान। इसके बाद क्रम में फ्रांस (1.77 MT) जर्मनी (1.76 MT), इटली (1.1 MT) तथा नीदरलैंड (0.64 MT) आते हैं ।
  • मक्खन एवं घी उत्पादन में भारत को प्रथम स्थान प्राप्त है । यहाँ का 2003 में उत्पादन 2.5 MT भर रहा है । इसके बाद यू.एस.ए. (0.56 MT), पाकिस्तान (0.54 MT), न्यूजीलैंड (0.46 MT) तथा फ्रांस (0.45 MT) का क्रम है ।
  • संघनित दूध के उत्पादन में यू.एस.ए. (0.79 MT) प्रथम स्थान पर है, तत्पश्चात जर्मनी (0.54 MT), नीदरलैंड (0.30 MT), रूस गणतन्त्र (0.21 MT) तथा थाइलैंड (0.18 MT) का स्थान आता है । विश्व में यू.एस.ए. ही सर्वाधिक वसा रहित दुग्ध चूर्ण भी बना रहा है ।
  • 2003 में वसा रहित दूध चूर्ण का उत्पादन यू.एस.ए. में 0.70 MT था जबकि फ्रांस में 0.34 MT न्यूजीलैंड में 0.31 MT तथा जर्मनी में 0.30 MT वसा रहित दुग्ध चूर्ण उत्पादित किया गया ।

इस विवरण से स्पष्ट है कि चीज, संघनित दूध तथा वसा रहित दुग्ध चूर्ण के उत्पादन में अमेरिका (USA) प्रथम स्थान पर है । जबकि मक्खन तथा घी उत्पादन में भारत विश्व में सबसे आगे है ।

दुग्ध उत्पादन में भारत की भूमिका

भारत गांवों का देश है। हमारी 72% से अधिक जनसंख्या ग्रामीण है तथा 60% लोग कृषि व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। करीब 7 करोड़ कृषक परिवार में प्रत्येक दो ग्रामीण घरों में से एक डेरी उद्योग से जुड़े हैं। भारतीय दुग्ध उत्पादन से जुड़े महत्वपूर्ण सांख्यिकी आंकड़ों के अनुसार देश में 70% दूध की आपूर्ति छोटे/ सीमांत/ भूमिहीन किसानों से होती है।

हिंदुस्तान में कृषि भूमि की अपेक्षा गायों का ज्यादा समानता पूर्वक वितरण है। भारत की ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में डेरी-उद्योग की प्रमुख भूमिका है।
  • भारत में Market Milk Technology की वास्तविक शुरुआत 1950 से ऐरे मिल्क कालोनी मुम्बई, में केन्द्रीय दुग्धशाला के निर्माण के साथ हुई। Milk Product Technology का विकास 1956 अमूल डेरी, आनन्द (Amul Dairy, Anand) के स्थापित होने पर हुआ।
  • कृषि और डेरी-फार्मिंग के बीच एक परस्पर निर्भरता वाला संबंध है। कृषि उत्पादों से मवेशियों के लिए भोजन और चारा उपलब्ध होता है जबकि मवेशी पोषण सुरक्षा माल उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पादों दूध, घी, मक्खन, पनीर, संघनित दूध, दूध का पाउडर, दही आदि का उत्पादन करता है।
  • भारत विश्व में सबसे कम खर्च पर यानी 26 सेंट प्रति लीटर की दर से दूध का उत्पादन करता है (अमरीका में 63 सेंट और जापान में 28)।
  • यदि वर्तमान रूझान जारी रहता है तो मिनरल वाटर उद्योग की तरह दुग्ध प्रोसेसिंग उद्योग में भी बहुत तेजी से विकास होने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। अगले 10 वर्षों में तिगुनी वृद्धि के साथ भारत विश्व में दुग्ध उत्पादों को तैयार करने वाला अग्रणी देश बन जाएगा।
  • राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (National Dairy Research Institute (NDRI)) करनाल में स्थित भारत का प्रमुख डेरी अनुसंधान संस्थान है। 1989 में इसे समविश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) का दर्जा प्राप्त हुआ था।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत का अपना विशेष स्थान है और यह विश्व में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक (Dairy industry) और दुग्ध उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। देश में अब 400 से अधिक डेरी संयंत्र हैं जहाँ विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इसके साथ दुग्ध उत्पादन (Dairy industry) के क्षेत्र में रोज़गार के भी अवसर खुलें ,उन्हें संयंत्रों के दक्षतापूर्ण संचालन के वास्ते सुयोग्य और सुप्रशिक्षित कार्मिकों की आवश्यकता होती है।

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