अल शबाब – आतंकवादी संगठन

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने वर्ष 2021 के शुरुआत में ही सोमालिया से अमेरिकी नौसैनिक जहाजों को वापस बुलाने के निर्देश दिए हैं। जो वर्षों से सोमालिया में लगे अमेरिकी सैनिक जो वहां के आतंकवादी संगठन अल शबाब (Al Shabab) से निपटने में लगे थे।

अल शबाब (Al Shabab)

अल शबाब इस्लाम के सबसे कट्टर रूप को मानता है। इसका इस्लाम सऊदी अरब वाला वहाबी इस्लाम है। सोमालिया की राजधानी मोगादिशू पर 2006 में यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स का कब्जा था। ये असल में शरिया अदालतों का एक संगठन था। कट्टर इस्लामिक कानूनों को मानने पर उसका जोर था । इसी यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स की कट्टरपंथी युवा शाखा अल-शबाब है।

अमेरिका और ब्रिटेन, दोनों ने ही अल-शबाब को आतंकवादी संगठन करार देते हुए प्रतिबंधित किया हुआ है;। इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा और नाइजीरिया के बोको हरम से भी इसके रिश्ते हैं।

सोमालिया से संचालित उपद्रवी आतंकवादी संगठन अल शबाब मुख्य रूप से हॉर्न ऑफ अफ़्रीका (पूर्वी अफ़्रीका) में सक्रिय है। 2012 में एक बहुराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल क़ायदा के साथ अल शबाब के विलय ने इसकी ताक़त बढ़ा दी है।

अल शबाब (Al Shabab) की कार्यप्रणाली

असल में अल क़ायदा और इसके सहयोगियों से समर्थन पाने के अलावा, अल शबाब ने केन्या भर में प्रतिबंधित चीनी का कारोबार किया। इसने चारकोल निर्यात पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बावजूद 2012 के बाद से चारकोल के अवैध कारोबार से भारी कमाई की है। इसके अलावा इसे समुद्री डकैती, अपहरण, उगाही, स्थानीय कारोबार और किसानों से पैसा मिलता है; हालांकि, आतंकवाद को समुद्री डकैती से गड्डमड्ड नहीं करना चाहिए; क्योंकि समुद्री डकैती अपने आप में एक अलग धंधा है और इसकी जांच का दायरा अलग है।

अल शबाब की हिंसक गतिविधियों

  • जनवरी, 2020 को सोमालिया से संचालित आतंकवादी संगठन ने लामू के पास केन्याई सैन्य अड्डे पर हमला किया; जिसमें केन्या में तैनात एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई।
  • 2010 में कंपाला (युगांडा) में अल शबाब के हमले में 74 लोग मारे गए।
  • 2013 में नैरोबी (केन्या) में शॉपिंग मॉल पर इसके हमले में 67 लोग मारे गए।
  • अलक़ायदा द्वारा 1998 में तंज़ानिया और केन्या में अमेरिकी दूतावासों में कुख्यात बम धमाके के बाद; अल शबाब ने 2015 में केन्या के गरिसा शहर में बड़ा हमला किया था; जिसमें 147 लोगों की मौत हुईं।
  • 15 अक्टूबर, 2017 को अपने एक सबसे घातक हमले में डबल ट्रक बमबारी से अल शबाब ने लगभग 320 लोगों की जान ली।

इसके अलावा, अल शबाब (Al Shabab) तेज़ी से अपनी गतिविधियों में परिष्कृत और अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ा रहा है। ज़ाहिर तौर पर इसके पिछले हिसंक गतिविधियाँ यह भय की मनोवृत्ति के ज़रिये संघीय सरकार को धमका रहा है; अल शबाब ने सोमालीलैंड और पुंटलैंड में सोमालिया की संघीय सरकार का नियंत्रण ख़त्म करने की कोशिश की; हालांकि वह नाकाम रहा।

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