अनुच्छेद 243 (Article 243 in Hindi) – परिभाषाएं
इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,
(क) “जिला” से किसी राज्य का जिला अभिप्रेत है,
(ख) “ग्राम सभा ” से ग्राम स्तर पर पंचायत के क्षेत्र के भीतर समाविष्ट किसी ग्राम से संबंधित निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रीकृत व्यक्तियों से मिलकर बना निकाय अभिप्रेत है,
(ग) “मध्यवर्ती स्तर” से ग्राम और जिला स्तरों के बीच का ऐसा स्तर अभिप्रेत है जिसे किसी राज्य का राज्यपाल, इस भाग के प्रयोजनों के लिए लोक अधिसूचना द्वारा, मध्यवर्ती स्तर के रूप में विनिर्दिष्ट करे,
(घ) “पंचायत” से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अनुच्छेद 243ख के अधीन गठित स्वायत्त शासन की कोई संस्था (चाहे वह किसी भी नाम से ज्ञात हो) अभिप्रेत हैं
(ङ) “पंचायत क्षेत्र” से पंचायत का प्रादेशिक क्षेत्र अभिप्रेत है,
(च) “जनसंख्या” से ऐसी अंतिम पूर्ववर्ती जनगणना में अभिनिश्चित की गई जनसंख्या अभिप्रेत है जिसके सुसंगत आंकड़े प्रकाशित हो गए हैं,
(छ) “ग्राम” से राज्यपाल द्वारा इस भाग के प्रयोजनों के लिए, लोक अधिसूचना द्वारा ग्राम के रूप में विनिर्दिष्ट ग्राम अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत इस प्रकार विनिर्दिष्ट ग्रामों का समूह भी है ।
अनुच्छेद 243 (Article 243 in Hindi) – परिभाषाएं
मूल संविधान में भाग-9 के अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की चर्चा (अनुच्छेद 243) की गई है ।
भारत में पंचायती राज व्यवस्था, दूसरे शब्दों में जिसे स्थानीय स्वशासन भी कहा जाता है, की शुरुआत हुए 25 वर्षों से अधिक समय हो चुका है किन्तु अब भी इस व्यवस्था की सफलता पर प्रश्न उठते हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाता है और कोई भी देश, राज्य या संस्था सही मायने में लोकतांत्रिक तभी मानी जा सकती है जब शक्तियों का उपयुक्त विकेंद्रीकरण हो एवं विकास का प्रवाह ऊपरी स्तर से निचले स्तर (Top to Bottom) की ओर होने के बजाय निचले स्तर से ऊपरी स्तर (Bottom to Top) की ओर हो।
अनुच्छेद 243 के अन्तर्गत विभिन्न अनुच्छेद, जिसका विवरण निम्न दिया हुआ को व्यख्या सहित पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
अनुच्छेद | विषय–वस्तु |
243 | परिभाषाएँ |
243क | ग्राम सभा |
243ख | पंचायतों का गठन |
243ग | पंचायतों की संरचना |
243घ | स्थानों का आरक्षण |
243घ | पंचायतों की अवधि आदि |
243च | सदस्यता के लिये निरर्हताएँ |
243छ | पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्व |
243ज | पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियाँ और उनकी निधियाँ |
243झ | वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिये वित्त आयोग का गठन |
243ञ | पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा |
243ट | पंचायतों के लिये निर्वाचन |
243ठ | संघ-राज्य क्षेत्रोंं में लागू होना |
243ड | इस भाग का कतिपय क्षेत्रोंं पर लागू न होना |
243ढ | विद्यमान विधियों और पंचायतों का बने रहना |
243ण | निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्ज़न |
243 त | परिभाषा |
243 थ | नगर पालिकाओं का गठन |
243 द | नगर पालिकाओं की संरचना |
243 ध | वार्ड समितियों आदि का गठन और संरचना अनुच्छेद |
243 न | स्थानों का आरक्षण |
243 प | नगर पालिकाओं की अवधि आदि |
243 फ | सदस्यता के लिए निरर्हताएँ |
243 ब | नगरपालिकाओं आदि की शक्तियाँ , प्राधिकार और उत्तदायित्व |
243 भ | नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियाँ |
243 म | वित्त आयोग |
243 य | नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा |
243 य क | नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन |
243 य ख | संघ राज्य क्षेत्रों का लागू होना |
243 य ग | इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना |
243 य घ | ज़िला योजना के लिए समिति |
243 य ङ | महानगर योजना के लिए समिति |
243 य च | विद्यमान विधियों पर नगर पालिकाओं का बना रहना |
243 य छ | निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन |