GSLV क्या है ?

GSLV क्या है ?

भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान अंतरिक्ष में उपग्रह के प्रक्षेपण में सहायक यान है। इसकी पहली उड़ान 2001 में हुई थी। यह यान उपग्रह को पृथ्वी की भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने में मदद करता है। जीएसएलवी ऐसा बहुचरण रॉकेट है जो दो टन से अधिक भार के उपग्रह को पृथ्वी से 36000 कि.मी. की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है जो विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा की सीधा होता है।

जीएसएलवी का कार्यक्रम

जीएसएलवी कार्यक्रम के चौथे चरण में दो टन के उपग्रह छोड़े जाएँगे। ये उपग्रह पृथ्वी के साथ-साथ चलने वाले परिक्रमा पथ पर स्थापित किये जाएँगे। इन उपग्रहों की सहायता से पृथ्वी का छायांकन किया जाएगा और भारत के मानव सहित अंतरिक्ष कार्यक्रम गगन यान और उसके पश्चात् मंगल को भेजे जाने वाले अगले अभियान के लिए नेविगेशन, डाटा रिले संचार और अंतरिक्ष विज्ञान का काम संपादित किया जाएगा। 2021-24 के कालखंड में जीएसएलवी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए पाँच जीएसएलवी प्रक्षेपित करने की योजना है। 

जीएसएलवी के तीन चरण हैं।

  • पहले चरण में 40-40 टन के चार तरल स्ट्रेप-ऑन मोटरों के साथ एक ठोस बूस्टर होता है।
  • दूसरा चरण एक तरल ईंजन होता है।
  • तीसरा चरण क्रायोजेनिक अपर स्टेज (CUS) कहलाता है जो कि भारत में ही निर्मित है। इस चरण में तरल हाइड्रोजन (LH2) सदृश 15 टन क्रायोजेनिक प्रणोदकों का इंधन के रूप में प्रयोग होता है और ओक्सीडाइजर के रूप में तरल ऑक्सीजन (LOX) का उपयोग होता है।

क्रायोजेनिक्स

भौतिकी में अत्यधिक निम्न ताप उत्पन्न करने व उसके अनुप्रयोगों के अध्ययन को क्रायोजेनिक्स कहते है। क्रायोजेनिक का उद्गम यूनानी शब्द ‘क्रायोस’ से बना है जिसका अर्थ होता है शीत यानी बर्फ की तरह शीतल। इसमें शून्य डिग्री सेल्सियस से 253 डिग्री नीचे के तापमान पर काम होता है। इस निम्न तापमान का उपयोग करने वाली प्रक्रियाओं और उपायों का क्रायोजेनिक अभियांत्रिकी के अंतर्गत अध्ययन करते हैं। जी.एस.एल.वी. रॉकेट में प्रयुक्त होने वाली द्रव्य ईंधन चालित इंजन में ईंधन बहुत कम तापमान पर भरा जाता है, इसलिए ऐसे इंजन क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन कहलाते हैं।

इस तरह के रॉकेट इंजन में अत्यधिक ठंडी और द्रवी कृत गैसों को ईंधन और ऑक्सीकारक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस इंजन में हाइड्रोजन और ईंधन ईंधन और ऑक्सीकारक का कार्य करते हैं। क्रायोजेनिक इंजन का प्रयोग पांच दशक पूर्व अमेरिका के एटलस सटूर नामक रॉकेट में हुआ था। अमेरिकी क्रायोजेनिक इंजनों में आर.एल.-10 नामक क्रायोजेनिक इंजन है। जी.एस.एल.वी. रॉकेट एरियन में एसएम-7 क्रायोजेनिक इंजन लगाया जाता है। जापान द्वारा विकसित क्रायोजेनिक इंजन का नाम एल.ई.-5 है।

अभी तक का जीएसएलवी अभियान

प्रक्षेपण यानउपग्रहतारीखवजनपरिणाम
GSLV D-1GSAT-118 APRIL,20011,540 Kg.SUCCESS
GSLV D-2GSAT-208 MAY,20031,825 Kg.SUCCESS
GSLV F-01GSAT-320 SEPTEMBER, 20041,950 Kg.SUCCESS
GSLV F-02INSAT-4C10 JULY, 20062,168 Kg.UNSUCCESS
GSLV F-04INSAT-4CR2 SEPTEMBER, 20072,160 Kg.SUCCESS
GSLV D-3GSAT-415 APRIL, 20102,220 Kg.UNSUCCESS
GSLV F-06GSAT-5P25 DECEMBER, 20102,310 Kg.UNSUCCESS
GSLV D-5GSAT-1405 JANUARY, 20141,982 Kg.SUCCESS
GSLV MARK-IIICrue Model18 AUGUST, 20143,735 Kg.SUCCESS
GSLV D-6GSAT-627 AUGUST, 20152,117 Kg.SUCCESS
GSLV F-05INSAT-3DR8 SEPTEMBER, 20162,211 Kg.SUCCESS
MARK-IIICHANDRYAN-28 SEPTEMBER, 20193650 Kg.UNSUCCESS

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