मानव कोशिका क्या है?

मानव शरीर असंख्य छोटी-छोटी इकाईयों से मिलकर से बना है। इन इकाईयों को मानव कोशिकाएं (Cells) कहा जाता है। कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं।

मानव कोशिका मुख्य तथ्य

  • ‘कोशिका’ का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के ‘शेलुला’ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ ‘एक छोटा कमरा’ है।
  • कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं। 
  • जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। 
  • इंसान बहुकोशिकीय प्राणी है, जिसके शरीर में विभिन्न कोशिकाएं शरीर को बनाये रखने के लिए एक साथ काम करती हैं। 
  • असंख्य प्रकार की कोशिकाएं एक साथ मिलकर हमारे मानव शरीर का सम्पूर्ण निर्माण करते हैं।
  • इनका आकार इतना छोटा होता है कि आप इन्हे सूक्ष्मदर्शी यन्त्र के बिना नहीं देख सकते।
  • मानव कोशिका की खोज रोबर्ट हुक ने 1665 में की थी।
  • यह शरीर का बुनियादी कार्यात्मक ढांचा है जोकि मानव जीवन के क्रियायों को सफलतापूर्वक चलाने की क्षमता रखता है।
  • बहुत सारी कोशिकाएं एक साथ मिलकर एक ऊतक (tissues) का निर्माण करती है।
  • और असंख्य ऊतक मिलकर एक इंसानी अंग का निर्माण करती हैं जो विशिष्ट कार्यों को अंजाम देता है जैसे कि दिल पाचन तंत्र से आने वाले खून को छानता है।
  • कोशिकाओं का विधिवत अध्ययन कोशिका विज्ञान (Cytology) या ‘कोशिका जैविकी’ (Cell Biology) कहलाता है।

कोशिका के प्रकार

कोशिकाएँ दो प्रकार की होती हैं,

  • प्रोकैरियोटिक कोशिका (prokaryotic cells)
    • प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ प्रायः स्वतंत्र होती हैं जबकि यूकैरियोटिक कोशिकाएँ, बहुकोशीय प्राणियों में पायी जाती हैं।
    • प्रोकैरियोटिक कोशिका में कोई स्पष्ट केन्द्रक नहीं होता है।
    • इनमें पाए जाने वाले अल्पविकसित केन्द्रक को केंद्रकाभ कहते है जो कोशिका द्रव में बिखरे होते हैं।
    • इस प्रकार की कोशिका जीवाणु तथा नीली हरी शैवाल में पायी जाती है।
  • यूकैरियोटिक कोशिका (eukaryotic cell)
    • सभी उच्च श्रेणी के पौधों और जन्तुओं में यूकैरियोटिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है।
    • सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओ में संगठित केन्द्रक पाया जाता है जो एक आवरण से ढका होता है।

मानव कोशिका का चित्र (Diagram of human cell)

मानव कोशिका के विभिन्न अंगों
मानव कोशिका के विभिन्न अंग

मानव कोशिका का कार्य

  • कोशिकाओं का कार्यप्रणाली इस बात पर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार कि कोशिका है और शरीर में वे कहाँ स्थित हैं।
  • इनके अंदर शरीर की वंशानुगत सामग्री होती है और ये कोशिकाएं अपनी प्रतियां बनाने में सक्षम हैं।
  • बहुत सारे कोटिकांग एक साथ मिलके कोशिकाओं को जिन्दा रखने का काम करती हैं।
  • कोशिकाएं हमारे शरीर को आकर देती हैं, हम जो खाना कहते हैं, उससे पोषक तत्त्व लेके उसको ऊर्जा और दूसरे पदार्थों में परिवर्तित करती हैं, यौगिको का प्रसंस्करण करती है एवं  कोशिकाओं के प्रतिकृति का काम करती हैं।

मानव कोशिका की संरचना (structure of human cell)

कोशिकाओं के विभिन्न संरचनात्मक घटक होते हैं जो शरीर में जान बनाये रखने में सहायक है, जिसको  कोटिकांग(organelle) कहते हैं। और बहुत से कोटिकांग एक साथ मिलकर एक कोशिका द्रव्य (cell membrane) को बनाती है  – यह सब मिलकर एक कोशिका झिल्ली को बनाते हैं।

एक मानव कोशिका की संरचना निम्न दिए गए भागों को जोड़कर बनता है:-

1. कोशिका झिल्ली (cell membrane)

  • यह कोशिकाओं की बाहरी परत है एवं इसके अंदर कोशिका द्रव्य और कोटिकांग पाया जाता हैं यह दोहरी परत वाली झिल्ली हैं जोकि प्रोटीन और लिपिड से बना होता है।
  • अंदरूनी और बाहरी परत पर पाए जाने वाले लिपिड-कण विभिन्न पदार्थों की परिवहन में मदद करती हैं।
  • कुछ पदार्थ जैसे कि ऑक्सीजन कोशिका-झिल्ली में आसानी से घुल जाते हैं लेकिन दूसरे पदार्थो को पहले इनडॉयटिस कि प्रक्रिया द्वारा पहले पहले परिवहित करना होता हैं।
  • छोटे पदार्थ पाईनोसाइटीस प्रक्रिया के द्वारा परिवहित होते हैं और बड़े पदार्थ फागोसाइटोसीस प्रक्रिया के द्वारे परिवहित होते हैं।

2. साइटोस्केलेटन (cytoskeleton)

  • यह मूलतः लंबे तंतुओं का नेटवर्क होता है। ये कोशिकाओं के संरचनात्मक ढांचे के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं।
  • कोशिकाओं का आकर क्या होना चाहिए एवं  इनका विभाजन कब और कैसे होना हैं – साइटोस्केलेटन इन सब बातों का ध्यान रखते हैं।
  • ये कोशिकाओं की गति निर्धारित करने में भी सहायक हैं |

3. अन्तः प्रदव्ययी जलिका (endoplasmic reticulum)

  • यह एक प्रकार कि झिल्लीदार संरचना जिसमे नलिकाएं और पुटिकाएँ पायी जाती है।
  • इसकी संरचना इस प्रकार है कि इसके माध्यम से विभिन्न पदार्थ इसमें आसानी से घूम सकते हैं और जबतक कोशिकाओं क अंदर निर्माण क्रिया पूर्ण नहीं हो जाता, इन पदार्थों को अलग रख सकते हैं।
  • ये कोशिकाओं में पाए जाने वाले अणुओं कि प्रक्रिया में मदद करते हैं। ये अणुओं को उनके गंतव्य तक पहुँचाते हैं ताकि बाकि प्रक्रिया सफलतापूर्वक हो सके।

4. नाभिक (nucleus)

  • यह कोशिकाओं का मुख्य नियंत्रक मन जाता है, जोकि कोशिकों का इस बात का मार्गदर्शन करता हैं कि कब बढ़ना है, कब प्रौढ़ होना है, कब विभाजित होना हैं और कब नष्ट हो जाना है।
  • इसके अंदर जीन और डीएनए संग्रह पायी जाती है जोकि शरीर के मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान के हर पहलू को निर्धारित करती है।
  • यह झिल्लीदार परत से घिरा हुआ  होता है जो डीएनए  की रक्षा करता है और नाभिक  को कोशिकाओं के बाकि भागों से अलग करता हैं।

5. नुक्लेओलुस (nucleolus)

  • यह नाभिक में पाया जाने वाला एक छोटा सा अंग है। यह नाभिक में पाए जाने वाले आरएनए और प्रोटीन का संचय है।
  • यहाँ डीनए से राइबोसोमल आरएनए बनता है और अपना सही रूप लेता है।

6. गोलगी उपकरण (golgi bodies)

  • यह समतल पुटिकाओं का एक संग्रह है। अन्तः प्रदव्ययी जलिका में जो पदार्थ बनते हैं वो इस भाग में आके घुल जाते हैं। यह कोशिकाओं के सञ्चालन में महत्वपूर्ण है।
  • अन्तः प्रदव्ययी जलिका के पदार्थ गोलगी उपकरण में संग्रहित होते हैं और दूसरे प्रकार के पदार्थो में बाद जाते हैं जोकि कोशिकाओं के रखरखाव में काम आता है

7. लाइसोसोम (lysosomes)

  • ये कोशिकाओं के पुनरावर्तन केंद्र माने जाते हैं। यह बाहरी बैक्टीरिया का पचाने में सहायक हैं, जहरीले पदार्थों से छुटकारा दिलाते हैं और घिसी हुई कोशिका घटकों को पुनरिवर्तित करते हैं।
  • यह गोलगी उपकरण से टुट के अलग होकर बनते हैं, इनका आकर और कार्यप्रणाली कोशिकाओं पर निर्भर करता है। इनमें पाए जाने वाले किण्वक विभिन्न पोषक-तत्त्व के पाचन में सहायक होते हैं ।

8. पेरिओक्सीओसोम (Perioxosome)

  • इनकी बनावट लाइसोसोम के सामान होती है।
  • इनके अंदर जो एंजाइम पाए जाते है वो एक साथ मिलकर हाइड्रोजन पेरोक्साइड के रूप में, जो पदार्थ हानिकारक होती हैं उनको बेअसर करने की कोशिश करती हैं।
  • इनका निर्माण अन्तः प्रदव्ययी जलिका से होता है।

9. स्रावी कणिकायें (Secretory granules)

  • यह कोटिकांगों का एक समूह है जिसमें स्रावी उत्पाद भरे रहते हैं जिसके वजह से हॉर्मोन स्राव नियमित रूप से होता है। इनका आकर 1 µm का होता है।
  • इसकी संरचना लाइसोसोम के सामान होती है। इनमें वो स्रावी उत्पाद भरे होते हैं जो कोशिकाओं के काम में नहीं आते लेकिन उनके बाहर परिवहित कर दिए जाते हैं।

10. सूत्रकणिका (mitochondria)

  • यह पोषक-तत्वों को एनर्जी में बदलने का काम करती हैं यह एटीपी के निर्माण में सहायक हैं जिसका कोशिकाओं में विभिन्न भागों में उपयोग होता है। यह झिल्ली परतों से घिरा हुआ होता है।
  • इनको कोशिकाओं का ‘ पावर हाउस’ माना गया है। इनकी दो झिल्लीदार परतें होती है
    • बाहरी झिल्लीदार परतें सूत्रकणिका के सतह के घेर के रखती हैं,
    • अंदरूनी झिल्लीदार परतें ऊर्जा निर्माण में मदद देती हैं।

11. सूक्ष्म तंतु एवं सूक्ष्मनलिकाएं (microtubules)

  • ये प्रकार के प्रोटीन पदार्थ से बने हुए कठोर संरचना हैं जिनसे कोशिकाओं का आंतरिक भाग बना हुआ है।
  • इनकी वजह से सेन्ट्रिओलिक और मिटिओटिक स्प्लिन्डल बनते हैं जोकि कोशिकाओं के विभाजित होने का कारण हैं।
  • इनका खुद का आनुवंशिक सामग्री होता है जोकि नाभिक के डीएनए से अलग रहता है। ये अपनी खुद की प्रतियां बनाने की क्षमता रखती हैं।

मानव शरीर में कोशिकाएं

  • मानव शरीर में कोशिकाओं की गणना करना बहुत मुश्किल भरा काम है। हर एक अंग में करोड़ों अरबों कोशिकाएं होती हैं।
  • एक शोध के मुताबिक मानव शरीर में कुल कोशिकाएं 3.72 × 10^13 (करीबन 37 लाख करोड़) हैं।

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