फास्टैग (FASTag) की शुरुआत 2016 में हुई थी और चार बैंकों ने उस साल सामूहिक रूप से एक लाख टैग जारी किए थे। उसके बाद 2017 में सात लाख और 2018 में 34 लाख फास्टैग जारी किए गए। मंत्रालय ने इस साल नवंबर में अधिसूचना जारी कर एक जनवरी, 2021 से पुराने वाहनों या एक दिसंबर, 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया।
क्या होता है FASTag?
फास्टटैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान स्टिकर (RFID) है जो वाहन की विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है। जब भी आप टोल प्लाजा से गुजरेंगे तो वहां लगे हुए स्कैनर आपकी कार के विंडस्क्रीन पर लगे हुए FASTag को स्कैन कर लेंगे और आपकी पेमेंट डिजिटली हो जाएगी। आपको इस टैग की वजह से टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होती है। आप इस टैग को रीचार्ज करवाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह पाँच वर्ष तक मान्य होता है; इसके भुगतान का माध्यम नेशनल इलैक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम के तरीके से होता है; नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया भुगतान राशि लेती है।
फास्ट टैग से लाभ
- फास्टैग रहने से लोगों को टोल प्लाजा पर पेमेंट के लिए रुकना नहीं पड़ेगा।
- टोल अपने आप कट जाएगा, जिससे समय, ईंधन की बचत करने में मदद मिलेगी।
- लंबी जाम से बचा जा सकेगा।
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा ।
- इस टैग से टोल पर इंतजार में बर्बाद होने वाले ईंधन को बचाया जा सकेगा।
- किसी सड़क पर चलने वाले वाहनों की सटीक संख्या का पता चल सकेगा।
- इसके लिए एक जरूरी शर्त देश में सभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा को जोड़ने के लिए एकीकृत केन्द्रीय व्यवस्था मुहैया कराना है।
यहां से ले सकते हैं FASTag
अगर आपके चार पहिया वाहन में अभी तक फास्टैग नहीं लगा है; तो आप इसे भारत के कई सरकारी और प्राइवेट बैंक से खरीद सकते हैं। इनमें स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई), आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी आदि बैंक शामिल हैं। इसके साथ ही आप बड़े पेट्रोल पंप से भी फास्टैग प्राप्त कर सकते हैं। अगर कोई FASTag खरीदने जा रहा है तो इसके लिए उसे 100 रुपये चुकाने पड़ेंगे। इसके साथ ही 250 रुपये का सिक्योरिटी डिपॉजिट भी करना पड़ेगा। इसके अलावा फास्टैग लगे वहाँ मालिक को अपने लिंक्ड बैंक अकाउंट या डिजिटल वॉलेट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होगा।
वैश्विक व भारतीय स्तिथि
विश्व के अनेक राजमार्गों पर टोल के भुगतान के लिए त्वरित, सुगम और नकदरहित व्यवस्था के रूप में इलेक्ट्रॉनिक टोल का इस्तेमाल किया जा रहा है; ऐसा पहला टोल प्लाजा नार्वे में सन् 1986 में शुरू किया गया था; जापान और चीन में भी ऐसी व्यवस्था है।
हाल ही में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक वर्चुअल ईवेंट में कहा कि 1 जनवरी 2021 से भी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। ज्ञातव्य है कि इससे पहले केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग ने मंत्रालय नवंबर में इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया था।
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