परफ्यूम और डियो के नुकसान को जान ले

आज के दौर में बदलते समय के साथ इंसान की जीवन शैली में बहुत कुछ बदलाव आया है. जिनमे कुछ बदलाव हमारे हित में है तो कुछ अहित में, आज के इस फैशन के जमाने में हर कोई अपने आपको सुंदर और आकर्षक दिखने की दौड़ में आगे रखने की कोशिश में लगा है. बदलते फैशन में इन चीजों ने भी अपनी एक अलग पहचान बना ली है जिसमें युवा और बच्चों का तो कोई मुकाबला ही नहीं कर सकता है फैशन के इस दौर में लोग परफ्यूम और डियो के इतना इस्तेमाल करने लगे है की उन्हें कही भी जाना है तो बिना परफ्यूम लगाये जा नही सकते .

कई लोग तो परफ्यूम और डियो का इस्तेमाल अपनी ओर आकर्षित करने के लिए करते है तो कई पसीने से निजाद पाने के लिए तो कई लोगों की इसकी खुशबू भाती है. कारण चाहे जो भी हो क्या आप जानते है परफ्यूम और डियो हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुँचाता है, लेकिन लोग फैशन के लिए इन सब चीजों को नज़रंदाज़ कर देते है, परिणामस्वरूप हमारे शरीर को बहुत सी परेशनियों का सामना करना पड़ता है .

अगर आप भी परफ्यूम और डियो का इस्तेमाल रोजाना करते है और फिर भी इनसे होने वाले नुकसान को अगर आप नहीं जानते है तो जरूर पढ़े.

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परफ्यूम से होने वाले नुकसान

  1. परफ्यूम में मौजूद घातक केमिकल शरीर को बुरी तरह से प्रभावित करते है. इसके रोजाना इस्तेमाल से त्वचा में जलन और खुजली पैदा हो जाती है जो त्वचा को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त करती है.
  2. परफ्यूम और डियो को एंटीबैक्टीरियल बनाते वक्त ट्राइक्लोसन केमिकल का प्रयोग किया जाता है. लेकिन यह केमिकल शरीर के अच्छे एंटी-बैक्टीरियल को नष्ट कर शरीर को एलर्जी की समस्या देता है. इतना ही नहीं गर्भावस्था के समय ऐसे परफ्यूम गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक विकास पर भी हानिकारक प्रभाव डालते है.
  3. अधिकांश परफ्यूम में नूरो टोक्सीन मौजूद होते है जिससे मानव शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है. परफ्यूम के अधिक इस्तेमाल से त्वचा पर हानिकारक बैक्टीरिया का जन्म होता है जिससे त्वचा पर घाव, रैशेज जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है. साथ ही हार्मोन्स का संतुलन भी बिगड़ता है. हार्मोन्स असंतुलित होने से महिलाओं को मासिकधर्म के वक्त कई समस्याओं का सामना करना पद सकता है.
  4. पसीना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है इससे रोम-छिद्र खुले रहते है और हमारी त्वचा भी साँस ले पाती है. लेकिन कुछ परफ्यूम पसीनें का अवरोधक बनते है जिससे शरीर में आर्सेनिक, लीड, कैडमियम, मरकरी जैसे घातक तत्व जमा होने लगते है. सीधे तौर पर कहा जायें तो यह सभी तत्व शरीर को रोगग्रस्त बनाए रखने का काम करते है.
  5. अधिक सुगंध वाले परफ्यूम से धीरे-धीरे सुगंध के प्रति संवेदनशीलता कम होने लगती है. जो नाक के तंतुओं के लिए हानिकारक साबित होता है. जिससे शरीर गंभीर बीमारी का शिकार भी हो सकता है. सूंघने की शक्ति को बढ़ाने के लिए व्यक्ति पहले से ओर अधिक तेज सुगंध वाले परफ्यूम का इस्तेमाल करता है। जो आगे जाके अवसाद का कारण बनता है.

परफ्यूम और डियो से होने वाली बीमारियाँ

प्रॉपिलीन गलायसोल एक एलर्जिक और न्यूरोटॉक्सिक रसायन है जो शरीर में एलर्जिक रिएक्शन पैदा करता है। इसके अलावा कई परफ्यूम में स्टीरेथ नामक रसायन का इस्तेमाल भी होता है जो शरीर के लिए घातक होता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की स्टीरेथ रसायन सब्जियों में भी इस्तेमाल होता है लेकिन यह सब्जियों में रहने तक घातक नहीं होता. लेकिन सौंदर्य उत्पाद और परफ्यूम में अगर इसकी मात्रा अधिक हो गई तो यह कई घातक बीमारियों का कारण बनता है.

परफ्यूम और डियो में अनहेल्दी और घातक केमिकल की पुष्टि कई शौध में की गई है. इनमें पाएँ जाने वाले केमिकल से शरीर के हार्मोन बैलेंस डिस्टर्ब होते है जिसका सीधा असर आपकी सुंदरता पर तो पड़ता ही है साथ ही कई बीमारी का कारण भी बनता है. आइए जानें परफ्यूम और डियो से क्या-क्या शारीरिक समस्या उत्पन्न होती है.

  • ब्रेस्ट कैंसर व स्किन कैंसर
  • किडनी की समस्या
  • एलर्जी और त्वचा में रूखापन
  • सिरदर्द, जुकाम, छीकें व श्वास संबंधी समस्या
  • अल्जाइमर
  • तनाव व त्वचा पर अजीब निशान
  • अस्थमा, स्किन डिजीज

आप सोच रहे होंगे कि पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए परफ्यूम-डियो तो लगाना ही पड़ेगा. तो यह आपकी गलतफहमी है क्योंकि परफ्यूम पसीने की महक को अधिक दुर्गंधित कर देता हैं.

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क्योंकि ये पसीना निकलने की स्वभाविक प्रक्रिया को प्रभावित करता हैं और पसीने को त्वचा के अंदर ही जमा होने देता है जिससे अंदर रहने वाला पसीना और भी अधिक दुर्गंधित हो जाता है और पसीने की बदबू की समस्या और भी बढ़ जाती है. इसी कारणवश लोग बार-बार परफ्यूम का इस्तेमाल करने लगते है.

परफ्यूम में मौजूद एल्युमिनियम और एल्कोहल शरीर की नमी को नष्ट कर देते है और शरीर को बीमारी का घर बना देते है.

शोधकर्ताओं के अनुसार पसीना शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखता है जो शरीर को प्राकृतिक तौर पर ठंडक देता रहता है. अगर पसीना बराबर आ रहा है तो इसका मतलब यह भी है कि शरीर में मौजूद ग्लैंड अच्छी तरह से अपना काम कर रहे हैं.

हमारे शरीर में कई बार मेट्ल्स की मात्रा अधिक हो जाती है जो पसीने के माध्यम से डीटॉक्सिफाई होते हैं. लॉफबोरो यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार अगर हमें पसीना नहीं आएगा तो आधे घंटे शारीरिक श्रम के बाद हमारे शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाएगा.

परफ्यूम के इस्तेमाल से पहले रखे यह ध्यान

  • परफ्यून को सीधे शरीर पर ना लगाकर कपड़ों पर करे इसका इस्तेमाल
  • ज्यूलरी पहनने से पहले ही स्प्रे करे नहीं तो केमिकल से ज्यूलरी की चमक खराब हो सकती है
  • बाहर जाने के निश्चित समय से 10-15 मिनट पहले ही परफ्यूम लगा ले, जो यह अच्छे से सेट हो जाए
  • डियो या परफ्यूम के इस्तेमाल से अगर आपको एलर्जी हो जाए तो उस जगह को ठंडे पानी से साफ करे और जल्द ही किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से सम्पर्क करे
  • स्प्रे करते वक्त विशेष ध्यान रखे की छोटे बच्चे आपके पास ना हो, बच्चों पर इसका विपरीत प्रभाव जल्द पड़ता है
  • हमेशा कम सुगंध वाले परफ्यूम का चयन करे और यह भी सुनिश्चित करे की आपके परफ्यूम में केमिकल की मात्रा ना हो या ना के बराबर हो
  • सस्ते परफ्यूम विज्ञापन के झाँसे में ना आए

अब तो आपको यह पता चल ही गया होगा की रोजाना परफ्यूम और डियो का इस्तेमाल सेहत की लिहाज से कितना बड़ा समझौता है. हम यह नहीं कह रहे आप यह आर्टिकल पढ़ते ही इसका इस्तेमाल बंद कर दे. लेकिन कम तो कर ही सकते है. यह कभी मत भूलिए सारे संसाधन हमारे लिए बने है, हम किसी संसाधन के लिए नहीं बने है जो सेहत से समझौता करे।

तो आज से ही अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए सक्रियता और खुशी को अपनाएं और परफ्यूम से होने वाली बीमारियों से बचे. हमने यह लेख प्रैक्टिकल अनुभव व जानकारी के आधार पर आपसे साझा किया है. अपनी सूझ-बुझ का इस्तेमाल करे. हमेशा स्वस्थ रहे और खुश रहे.

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