भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह अधिनियम की धारा 20 की शर्तों के अनुसार केन्द्रीय सरकार की प्राप्तियां और भुगतानों और विनिमय, प्रेषण (रेमिटन्स) और अन्य बैंकिंग गतिविधियां (आपरेशन), जिसमें संघ के लोक ऋण इत्यादि का उत्तरदायित्व संभालता है।
स्थापना
- भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम (ब्रिटिशों की वैधानिक सभा -लेसिजलेटिव असेम्बली), 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी।
- प्रारंभ में ब्रिटिश राज के दौरान यह निजी स्वमित्व वाला था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1949 में RBI के राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।
- शुरुआत में रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था जिसे वर्ष 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया। केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहाँ RBI का गवर्नर बैठता है और जहाँ नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं।
- पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं।
प्रस्तावना
भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रस्तावना में बैंक के मूल कार्य इस प्रकार वर्णित किये गए हैं:
“भारत में मौद्रिक स्थिरता प्राप्त करने की दृष्टि से बैंक नोटों के निर्गम को विनियमित करना तथा प्रारक्षित निधि को बनाए रखना और सामान्य रूप से देश के हित में मुद्रा एवं ऋण प्रणाली को संचालित करना, अत्यधिक जटिल अर्थव्यवस्था की चुनौती से निपटने के लिये आधुनिक मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क रखना, वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना।”
केंद्रीय बोर्ड
रिज़र्व बैंक का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। भारत सरकार के भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड की नियुक्ति/नामन चार वर्ष के लिये होती है।
- गठन
- सरकारी निदेशक
- पूर्ण:कालिक : गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर
- गैर:सरकारी निदेशक
- सरकार द्वारा नामित : विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और दो सरकारी अधिकारी
- अन्य : चार निदेशक – चार स्थानीय बोर्डों से प्रत्येक से एक
- कार्य
- बैंक के क्रियाकलापों की देखरेख और निदेशन।
स्थानीय बोर्ड
रिज़र्व बैंक में केंद्रीय बोर्ड के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा स्थानीय बोर्ड को भी चार साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त करता है।
- गठन
- देश के चार क्षेत्रों – मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई और नई दिल्ली
- प्रत्येक में पांच सदस्य
- कार्य
- स्थानीय मामलों पर केन्द्रीय बोर्ड को सलाह देना।
- स्थानीय, सहकारी तथा धरेलू बैंकों की प्रादेशिक व आर्थिक आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करना।
- केन्द्रीय बोर्ड द्वारा समय-समय सौंपे गये ऐसे अन्य कार्यों का निष्पादन करना।
प्रमुख कार्य
1. मौद्रिक प्रधिकारी (Monetary Authority)
- मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना।
- उद्देश्य: विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना।
रिज़र्व बैंक यह कार्य वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (Board for Financial Supervision-BFS) के दिशा-निर्देशों के अनुसार करता है। इस बोर्ड की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की एक समिति के रूप में नवंबर 1994 में की गई थी।
2. वित्तीय प्रणाली का विनियामक और पर्यवेक्षक
- बैंकिंग परिचालन के लिये विस्तृत मानदंड निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत देश की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली काम करती है।
- उद्देश्यः प्रणाली में लोगों का विश्वास बनाए रखना, जमाकर्त्ताओं के हितों की रक्षा करना और आम जनता को किफायती बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना।
3. विदेशी मुद्रा प्रबंधक
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 का प्रबंध करता है।
- उद्देश्यः विदेश व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाना एवं भारत में विदेशी मुद्रा बाज़ार का क्रमिक विकास करना तथा उसे बनाए रखना।
4. मुद्रा जारीकर्त्ता
- करेंसी जारी करता है और उसका विनिमय करता है अथवा परिचालन के योग्य नहीं रहने पर करेंसी और सिक्कों को नष्ट करता है।
- उद्देश्य : आम जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोटों और सिक्कों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना।
5. सरकार का बैंकर और बैंकों का बैंकर के रूप में काम करना।
- केंद्र और राज्य सरकारों के लिये यह व्यापारी बैंक की भूमिका अदा करता है; उनके बैंकर का कार्य भी करता है।
- यह बैंकों देश में संचालित सभी सरकारी और निजी बैंकों को नियंत्रित करता है और उसके बैंकर के रूप में कार्य करता है।
- अधिनियम की धारा 20 की शर्तों के अनुसार केन्द्रीय सरकार की प्राप्तियां और भुगतानों और विनिमय, प्रेषण (रेमिटन्स) और अन्य बैंकिंग गतिविधियां (आपरेशन), जिसमें संघ के लोक ऋण इत्यादि का उत्तरदायित्व संभालता है।
- उद्देश्य : देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाये रखना और आम लोगो को देश में संचालित बैंकों के धोखाधरी से सुरक्षा प्रदान करना।
6. मुद्रा के लेन देन को नियंत्रित करना
- यह देश में प्रभावी रूप से ऋण को नियंत्रित करने और विनियमन करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक तकनीकों का व्यापक उपयोग करता है
- उद्देश्य : अर्थव्यवस्था में पर्याप्त धन आपूर्ति और देश में मुद्रास्फीति की स्थिति से बचना और बाजार में पैसे की आपूर्ति में संतुलन बनाये रखना
7. विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक
- विदेशी मुद्राओं को खरीदना और बेचना और देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा करना।
- उद्देश्य : विदेशी विनिमय दर को स्थिर बनाये रखना।
- वर्तमान में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर है l
वार्षिक रिपोर्ट
- वार्षिक रिपोर्ट रिज़र्व बैंक की सांविधिक रिपोर्ट (Statutory Report) है और इसे हर वर्ष अगस्त में जारी किया जाता है।
- यह रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की भारत सरकार को प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट है और इसमें शामिल होते हैं;
- भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन और संभावनाएँ;
- अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा;
- वर्ष के दौरान रिज़र्व बैंक का कार्य;
- आगामी वर्ष के लिये रिज़र्व बैंक का विज़न और एजेंडा; तथा
- रिज़र्व बैंक के वार्षिक खाते (जुलाई-जून)
रिज़र्व बैंक की स्वायत्तता
- RBI अधिनियम की धारा 7(1) के तहत केंद्र सरकार रिज़र्व बैंक के गवर्नर से परामर्श कर बैंक को ऐसे दिशा-निर्देश दे सकती है, जो जनता के हित में आवश्यक हों।
- सेक्शन 7(2) के तहत इस तरह के किसी भी दिशा-निर्देश के बाद बैंक का काम एक केंद्रीय निदेशक मंडल को सौंप दिया जाएगा। यह निदेशक मंडल बैंक की सभी शक्तियों का उपयोग कर सकता है और रिज़र्व बैंक द्वारा किये जाने वाले सभी कार्यों को कर सकता है।
- सेक्शन 7(3) के तहत रिज़र्व बैंक के गवर्नर और उनकी अनुपस्थिति में उनके द्वारा नामित डिप्टी गवर्नर की गैर-मौजूदगी में भी केंद्रीय निदेशक मंडल के पास बैंक के सामान्य मामलों एवं कामकाज के सामान्य अधीक्षण (General Superintendence) एवं निर्देशन की शक्तियाँ होंगी और वह उन सभी शक्तियों का इस्तेमाल कर पाएगा, जिसका अधिकार बैंक के पास है। हालाँकि RBI की स्वायत्तता को अनिवार्य करने वाला कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
- बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 के तहत रिज़र्व बैंक देश के सभी वित्तीय क्षेत्र पर नियंत्रण कर सकता है।
- विशिष्ट कार्यों को नियंत्रित करने के लिए अधिनियम
- लोक ऋण अधिनियम, 1944/सरकारी प्रतिभूति अधिनियम (प्रस्तावित) के तहत सरकारी ऋण बाज़ार पर नियंत्रण।
- प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 के तहत सरकारी प्रतिभूति बाज़ार पर नियंत्रण।
- भारतीय सिक्का अधिनियम, 1906 के तहत मुद्रा और सिक्कों पर नियंत्रण।
- विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 और विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के तहत व्यापार और विदेशी मुद्रा बाज़ार पर नियंत्रण
- कंपनी अधिनियम, 1956 और बैंकिंग कंपनी अधिनियम 1970/1080 के तहत इसे कंपनी के रूप में और राष्ट्रीयकरण से संबंधित बैंकों पर पूरा नियंत्रण रखने की स्वायत्तता प्राप्त है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर बैंको में सर्वोपरि होता है। बैंकों से सम्बंधित सभी कार्यों के उत्तरदायित्व बैंक के गवर्नर पर होता है और देश में संचालन सभी मुद्रा नोटों पर हमें इनके हस्ताक्षर(जिस समय नोट को छापा जाता है उस समय के नियुक्त गवर्नर) देखने को मिल जाते है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नरों की सूची इस प्रकार है :-
S.no | नाम | कार्यकाल |
---|---|---|
1. | सर ओसबोर्न स्मिथ | 1 अप्रैल 1935 – 30 जून 1937 |
2. | सर जेम्स ब्रेड टेलर | 1 जुलाई 1937 – 17 फ़रवरी 1943 |
3. | सर सी॰ डी॰ देशमुख | 11 अगस्त 1943 – 30 जून 1949 |
4. | सर बेनेगल रामा राव | 1 जुलाई 1949 – 14 जनवरी 1957 |
5. | के॰ जी॰ अम्बेगाओंकर | 14 जनवरी 1957 – 28 फ़रवरी 1957 |
6. | एच॰ वी॰ आर॰ आयंगर | 1 मार्च 1957 – 28 फ़रवरी 1962 |
7. | पी॰ सी॰ भट्टाचार्य | 1 मार्च 1962 – 30 जून 1967 |
8. | एल॰ के॰ झा | 1 जुलाई 1967 – 3 मई 1970 |
9. | बी॰ एन॰ आदरकार | 4 मई 1970 – 15 जून 1970 |
10. | एस॰ जगन्नाथन | 16 जून 1970 – 19 मई 1975 |
11. | एन॰ सी॰ सेनगुप्ता | 19 मई 1975 – 19 अगस्त 1975 |
12. | के॰ आर॰ पुरी | 20 अगस्त 1975 – 2 मई 1977 |
13. | एम॰ नरसिम्हन | 3 मई 1977 – 30 नवम्बर 1977 |
14. | आई॰ जी॰ पटेल | 1 दिसम्बर 1977 – 15 सितम्बर 1982 |
15. | डॉ॰ मनमोहन सिंह | 16 सितम्बर 1982 – 14 जनवरी 1985 |
16. | ऐ॰ घोष | 15 जनवरी 1985 – 4 फ़रवरी 1985 |
17. | आर॰ एन॰ मल्होत्रा | 4 फ़रवरी 1985 – 22 दिसम्बर 1990 |
18. | एस॰ वेंकटरमनन | 22 दिसम्बर 1990 – 21 दिसम्बर 1992 |
19. | सी॰ रंगराजन | 22 दिसम्बर 1992 – 21 नवम्बर 1997 |
20. | बिमल जालान | 22 नवम्बर 1997 – 6 सितम्बर2003 |
21. | वाई॰ वी॰ रेड्डी | 6 सितम्बर 2003 – 5 सितम्बर 2008 |
22. | डी॰ सुब्बाराव | 5 सितम्बर 2008 – 4 सितम्बर 2013 |
23. | रघुराम राजन | 5 सितम्बर 2013 – सितम्बर 2016 |
24. | उर्जित पटेल | सितंबर 2016 -10 दिसम्बर 2018 |
25. | शक्तिकांत दास | 11 सितम्बर 2018 – वर्तमान |