अनुच्छेद- 202 | भारत का संविधान

अनुच्छेद 202 (Article 202 in Hindi) – वार्षिक वित्तीय विवरण

(1) राज्यपाल प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में राज्य के विधान-मंडल के सदन या सदनों के समक्ष उस राज्य की उस वर्ष के लिए प्राक्कलित प्राप्तियों और व्यय का विवरण रखवाएगा जिसे इस भाग ” वार्षिक वित्तीय विवरण”  कहा गया है।

(2) वार्षिक वित्तीय विवरण में दिए हुए व्यय के प्राक्कलनों में —

  • (क) इस संविधान में राज्य की संचित निधि पर भारित व्यय के रूप में वर्णित व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित राशियाँ, और
  • (ख) राज्य की संचित निधि में से किए जाने के लिए प्रस्थापित अन्य व्यय की पूर्ति के लिए अपेक्षित राशियाँ, पृथक्‌-पृथक्‌ दिखाई जाएँगी; और राजस्व लेखे होने वाले व्यय का अन्य व्यय से भेद किया जाएगा।

(3) निम्नलिखित व्यय प्रत्येक राज्य की संचित निधि पर भारित व्यय होगा, अर्थात्‌  : —

  • (क) राज्यपाल की उपलब्धियाँ और भत्ते तथा उसके पद से संबंधित अन्य व्यय;
  • (ख) विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तथा विधान परिषद वाले राज्य की दशा में विधान परिषद के सभापति और उपसभापति के भी वेतन और भत्ते;
  • (ग) ऐसे ऋण भार जिनका दायित्व राज्य पर है; जिनके अंतर्गत ब्याज, निक्षेप निधि भार और मोचन भार तथा उधार लेने और ऋण सेवा और ऋण मोचन से संबंधित अन्य व्यय हैं;
  • (घ) किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतनों और भत्तों के संबंध में व्यय;
  • (ङ) किसी न्यायालय या मापयस्थम्‌ अधिकरण के निर्णय, डिक्री या पंचाट की तुष्टि के लिए अपेक्षित राशियाँ;
  • (च) कोई अन्य व्यय जो इस संविधान द्वारा या राज्य के विधान-मंडल द्वारा; विधि द्वारा, इस प्रकार भारित घोषित किया जाता है।

अनुच्छेद 202 – वार्षिक वित्तीय विवरण

देश के संविधान के अनुच्छेद 202 में राज्यों को वित्त वर्ष की प्राप्तियों और व्यय का एक अनुमानित वक्तव्य देने में सक्षम बनाया गया है जिसे आम तौर पर बजट या वार्षिक वित्तीय वक्तव्य कहा जाता है।

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