अनुच्छेद-17 | भारत का संविधान

अनुच्छेद 17 (Article-17 in Hindi) – अस्पृश्यता का अंत

‘अस्पृश्यता’ का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है। ‘अस्पृश्यता’ से उपजी किसी निर्योषयता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।

अनुच्छेद 17 में “छुआछूत” पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और किसी भी तरीके से इसके अभ्यास की मनाही है। यदि छुआछूत के आधार पर कोई विकलांगता उत्पन्न होती है तो यह एक अपराध होगा जो कानून के तहत दंडनीय होगा। यह एक साधारण दावे के साथ बंद नहीं करता है अभी तक इस निषिद्ध ‘ अप्राप्यता ‘ की घोषणा के फलस्वरूप किसी भी तरीके से अभ्यास नहीं किया जा रहा है।

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अनुच्छेद 17 के अनुसार “छुआछूत” पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, और किसी भी तरीके से मनाही है। छुआछूत एक अपराध होगा जो कानून के तहत दंडनीय होगा

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