गर्भ में बच्चे का विकास कैसे होता है?

गर्भ में बच्चे का विकास कैसे होता है ये जानने के लिए हर माता -पिता इच्छुक होते है। आइए जानते है 9 महीने के इस समय में बच्चा किस तरह आकार लेता है और किस प्रक्रिया से गुजरकर एक पूर्ण शिशु के रुप में जन्म लेता है। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि माँ के गर्भ में बच्चे का विकास कैसे होता है और 1 से 9 महीने तक उसमें कौनसे मुख्य बदलाव होते जाते हैं।

गर्भ में बच्चे का विकास कैसे होता है?

पहले महीने में विकास

  • गर्भाशय में एमनियोटिक थैली में शुरुआती 3 महीनों में प्लेसेंटा बनता है जिसके माध्यम से पोषण बच्चे तक पहुँचता है और उसके अपशिष्ट को भी बाहर निकाला जाता है।
  • चेहरा बनने की शुरुआत हो जाती है जिसमें सबसे पहले आँखें बनती हैं।
  • इस महीने में ब्लड सेल्स बनना और ब्लड सर्कुलेशन होना शुरू हो जाता है।

दूसरे महीने में विकास

  • इस महीने में चेहरे के विकास के साथ कान भी बनने लगते हैं।
  • हाथ-पैरों की उँगलियाँ और तंत्रिका तंत्र इसी महीने में विकसित होते है।

तीसरे महीने में विकास

  • इस महीने में कान का बाहरी हिस्सा और हाथ-पैरों के नाख़ून विकसित हो जाते हैं।
  • बच्चे के प्रजनन अंग विकसित होते हैं और मूत्र तंत्र और परिसंचरण तंत्र काम करने लगता है।
  • इस महीने के अंत तक बच्चे का सबसे महत्वपूर्ण विकास हो जाता है।

चौथे महीने में विकास

  • इस महीने में बच्चे का तंत्रिका तंत्र काम करना शुरू कर देता है और
  • प्रजनन अंग भी पूरी तरह विकसित हो जाते हैं।
  • बच्चे की उँगलियाँ भी पूरी तरह विकसित हो जाती हैं और हड्डियां मजबूत होने लगती हैं।

पाँचवें महीने में विकास

  • इस महीने में बच्चे के कंधे, पीठ और माथे पर पतले और कोमल बाल आने लगते हैं जो उसकी सुरक्षा करते हैं।
  • इस महीने में बच्चे की मसल्स विकसित हो जाती हैं और
  • इसी महीने में बच्चे की हलचल का अहसास माँ को होने लगता है।

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छठे महीने में विकास

  • इस महीने में बच्चे की त्वचा का रंग लाल हो जाता है।
  • आँखें खुलने लगती है और इस महीने में कोई आवाज़ सुनकर बच्चा हलचल भी करता है।
  • बच्चे को हिचकी भी आ सकती है।
  • इस महीने के अंत तक बच्चे का वजन लगभग 1 किलो हो जाता है।

सातवें महीने में विकास

  • इस महीने में बच्चे की सुनने की क्षमता विकसित हो जाती है और वो आवाज़ के प्रति प्रतिक्रिया करने लगता है।
  • बच्चा इस महीने में करवट भी लेने लगता है।
  • बच्चे का वजन 1 से 2 किलो तक हो जाता है।

आठवें महीने में विकास

  • इस महीने में बच्चे के शरीर में वसा जमा करने के लिए जगह बनती है इसलिए माँ को ऐसा अनुभव होता है जैसे बच्चा लात मार रहा हो।
  • बच्चा देखने और सुनने में सक्षम हो जाता है और उसका दिमाग भी तेजी से विकसित होता है।

नवें महीने में विकास

  • इस महीने में बच्चे का वजन लगभग 3.2 किलोग्राम तक हो जाता है और वो पेल्विस में आ जाता है।
  • उसका सिर बर्थ कैनाल की ओर घूम जाता है।

इस तरह माँ के गर्भ में 9 महीने सुरक्षित रुप से विकसित होकर शिशु जन्म लेता है।

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