अनुच्छेद 38 (Article 38 in Hindi) – राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
(1) राज्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करे, भरसक प्रभावी रूंप में स्थापना और संरक्षण करके लोक कल्याण की अभिवृद्धि का प्रयास करेगा।
(2) राज्य, विशिष्टतया, आय की असमानताओं को कम करने का प्रयास करेगा और न केवल व्यष्टियों के बीच बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले और विभिन्न व्यवसायों में लगे हुए लोगों के समूहों के बीच भी प्रतिष्ठा, सुविधाओं और अवसरों की असमानता समाप्त करने का प्रयास करेगा।
व्याख्या
अनुच्छेद 38 के अनुसार राज्य को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने का निर्देश देता है। यह अनुच्छेद लोक कल्याण की अभिवृद्धि और आय में असमानताओं को कम करने पर विशेष ध्यान देता है।
अनुच्छेद 38 के मुख्य प्रावधान
- सामाजिक व्यवस्था का निर्माण: राज्य को ऐसी सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश दिया गया है जिसमें:
- सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, और राजनीतिक न्याय का समावेश हो।
- यह न्याय समाज के सभी वर्गों को समान रूप से उपलब्ध हो।
- आय की असमानताओं को कम करना: राज्य का यह दायित्व है कि वह समाज में आय और अवसरों की असमानताओं को कम करने के लिए कदम उठाए।
- सामाजिक-आर्थिक समानता: राज्य को ऐसे उपाय करने चाहिए जो:
- समाज के विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों के बीच संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करें।
- कमजोर और वंचित वर्गों की जीवन को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास करें।
महत्व
- कल्याणकारी राज्य की स्थापना: अनुच्छेद 38 का उद्देश्य एक समतामूलक समाज का निर्माण करना है, जहां हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक अवसर समान रूप से मिलें।
- गरीबी उन्मूलन और समानता: यह प्रावधान आय में असमानता को कम करके समाज के कमजोर वर्गों की स्थिति सुधारने के लिए राज्य को प्रेरित करता है।
- सतत विकास का आधार: अनुच्छेद 38 के प्रावधान समाज के समग्र विकास और नागरिकों की जीवन-गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अनुच्छेद 38 यह सुनिश्चित करता है कि राज्य अपनी नीतियों और कार्यों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को लागू करने के लिए प्रयासरत रहे। यह एक ऐसा ढांचा प्रदान करता है जो भारत को लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करने में सहायक है, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिल सके और आय व संसाधनों की असमानता को न्यूनतम किया जा सके।
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Source : – भारत का संविधान