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Reading: अनुच्छेद 53 – संघ की कार्यपालिका शक्ति
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अनुच्छेद 53 – संघ की कार्यपालिका शक्ति

अनुच्छेद 53 संघ की कार्यपालिका शक्ति को परिभाषित करता है और इसे राष्ट्रपति में निहित करता है। राष्ट्रपति संविधान के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों और सीमाओं के भीतर कार्य करेंगे।

Last updated: January 19, 2025 9:06 pm
By TD Desk
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4 Min Read
अनुच्छेद 53 – संघ की कार्यपालिका शक्ति

अनुच्छेद 53 (Article 53 in Hindi) – संघ की कार्यपालिका शक्ति

संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा।

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पूर्वगामी उपबंध की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, संघ के रक्षा बलों का सर्वोच्च समादेश राष्ट्रपति में निहित होगा और उसका प्रयोग विधि द्वारा विनियमित होगा।

इस अनुच्छेद की कोई बात–

  • किसी विद्यमान विधि द्वारा किसी राज्य की सरकार या अन्य प्राधिकारी को प्रदान किए गए कृत्य राष्ट्रपति को अंतरित करने वाली नहीं समझी जाएगी; या
  • राष्ट्रपति से भिन्न अन्य प्राधिकारियों को विधि द्वारा कृत्य प्रदान करने से संसद को निवारित नहीं करेगी।

व्याख्या

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अनुच्छेद 53 संघ की कार्यपालिका शक्ति को परिभाषित करता है और इसे राष्ट्रपति में निहित करता है। राष्ट्रपति संविधान के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों और सीमाओं के भीतर कार्य करेंगे।

मुख्य प्रावधान:

  1. संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी:
    संविधान के अनुसार, भारत की संपूर्ण कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है। इसका तात्पर्य यह है कि राष्ट्रपति संघ के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी हैं।
  2. स्वयं या अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से शक्ति का प्रयोग:
    राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का प्रयोग:
    • स्वयं कर सकते हैं, या
    • अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से कर सकते हैं। यह संविधान में दिए गए प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।

राष्ट्रपति की भूमिका:

  • संवैधानिक प्रमुख: राष्ट्रपति भारत के संवैधानिक प्रमुख हैं। वे सरकार के कार्यों के संचालन के लिए कार्यकारी शक्ति का उपयोग करते हैं।
  • नाममात्र का प्रमुख: हालांकि राष्ट्रपति के पास कार्यकारी शक्ति है, वास्तविक शक्ति प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास होती है। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह और सिफारिशों के अनुसार कार्य करते हैं।

कार्यपालिका शक्ति का दायरा:

  1. कानून लागू करना: राष्ट्रपति सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने और उनकी देखरेख करने की जिम्मेदारी निभाते हैं।
  2. प्रशासनिक कार्य: प्रशासनिक कार्यों में नियुक्तियाँ, सरकार के दैनिक संचालन की देखरेख, और अधिकारियों को निर्देश देना शामिल है।
  3. संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग: राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकार, जैसे अध्यादेश जारी करना, क्षमा याचिका प्रदान करना, और संसद के सत्र बुलाना या स्थगित करना, इसी शक्ति के अंतर्गत आते हैं।

अनुच्छेद 53 का महत्व:

  • यह कार्यपालिका शक्ति को परिभाषित करता है और राष्ट्रपति को इसका केंद्र बिंदु बनाता है।
  • यह सुनिश्चित करता है कि कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग संविधान के प्रावधानों और कानूनों के अनुसार हो।
  • यह भारत में संसदीय प्रणाली और संवैधानिक लोकतंत्र की संरचना को सुदृढ़ करता है।

अनुच्छेद 53 भारतीय संघ की कार्यपालिका शक्ति को राष्ट्रपति में निहित करता है और उन्हें संघ का संवैधानिक प्रमुख बनाता है। हालांकि राष्ट्रपति के पास कार्यकारी शक्ति है, लेकिन इसका प्रयोग संविधान के प्रावधानों और मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार होता है। यह प्रावधान भारतीय लोकतंत्र के संसदीय ढांचे और शक्ति के संतुलन को सुनिश्चित करता है।

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Click here to read more from the Constitution Of India & Constitution of India in Hindi

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Source : – भारत का संविधान

अनुच्छेद 8 – भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्‌भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 64 – उपराष्टपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना
अनुच्छेद 26 – धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 94 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना
अनुच्छेद 24 – कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
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SOURCES:भारत का संविधान
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