अनुच्छेद 84 – संसद की सदस्यता के लिए अर्हता
अनुच्छेद 84 भारतीय संविधान के तहत संसद के दोनों सदनों – राज्यसभा और लोकसभा – के सदस्य चुने जाने के लिए न्यूनतम आवश्यक योग्यताओं का वर्णन है।
अनुच्छेद 83 – संसद के सदनों का अवधि
अनुच्छेद 83 भारतीय संसद के दोनों सदनों – राज्यसभा (उच्च सदन) और लोकसभा (निम्न सदन) के कार्यकाल और उनके सदस्यों की सेवा अवधि से संबंधित है। यह भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली…
अनुच्छेद 82 – परिसीमन आयोग
अनुच्छेद 82 भारतीय संविधान में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनः परिसीमन (Delimitation) के लिए प्रावधान करता है। यह जनगणना के आधार पर सीटों के पुनः वितरण…
अनुच्छेद 81 – लोकसभा की संरचना
अनुच्छेद 81 भारतीय संविधान में लोकसभा की संरचना और कार्यों का वर्णन करता है। इसे निचला सदन, प्रथम सदन, या युवाओं का सदन भी कहा जाता है।
अनुच्छेद 80 – राज्यसभा की संरचना
अनुच्छेद 80 भारतीय संविधान में राज्यसभा की संरचना और कार्यों का वर्णन करता है। इसे उच्च सदन या द्वितीय सदन भी कहा जाता है।
अनुच्छेद 79 – संसद का गठन
अनुच्छेद 79 के अनुसार, भारत संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी जिनके नाम राज्य सभा और लोकसभा होंगे।
अनुच्छेद 78 – राष्ट्रपति के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य
अनुच्छेद 78 के तहत प्रधानमंत्री पर यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति को संघ के प्रशासन, नीतियों और कानूनों से संबंधित हर महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराए।
अनुच्छेद 77 – भारत सरकार के कार्य का संचालन
अनुच्छेद 77 के तहत भारत सरकार के सभी कार्य "भारत के राष्ट्रपति के नाम पर" किए जाएंगे। भारत सरकार के किसी भी आदेश या अन्य कार्य के लिए राष्ट्रपति के…
अनुच्छेद 76 – भारत का महान्यायवादी
अनुच्छेद 76 भारत सरकार के महान्यायवादी की नियुक्ति, शक्तियों, और कर्तव्यों का विवरण करता है। यह भारत का सर्वोच्च विधि सलाहकार है और केंद्र सरकार को कानूनी मामलों में सलाह…
अनुच्छेद 75 – मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
अनुच्छेद 75 भारत के मंत्रिपरिषद से संबंधित प्रावधान करता है, जिसमें मंत्रियों की नियुक्ति, कार्यकाल, जिम्मेदारी, शपथ, योग्यता, और वेतन-भत्ते शामिल हैं।