हड़प्पा सभ्यता के कुछ रोचक तथ्य 

हड़प्पा पूर्वोत्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल है। 1921 में ''दयाराम साहनी'' ने इस जगह पर सर्वप्रथम खुदाई का कार्य किया था।

सिंधु घाटी सभ्यता 3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है।

सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। 

सिंधु घाटी सभ्यता में मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे।

मोहनजोदेड़ो सिंधी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘मुर्दों का टीला। हड़प्पा सभ्यता का विशाल स्नानागार मोहनजोदेड़ो में ही है।

हड़प्पाई लोग पत्थर ,धातुओं, सीप या शंख का व्यापर करते थे।

हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में देवियों की मूर्तियां से पता चलता है कि मातृ या प्रकृति की पूजा करते होंगे। एक जगह पुरोहित की एक मूर्ति, बैल, नंदी, मातृदेवी, बैलगाड़ी और शिवलिंग प्राप्त हुआ।

हड़प्पा सभ्यता में सर्वप्रथम कपास की खेती होती थी तथा चांदी के बर्तन और कई तरह के खेल के अवशेष मिले और कई चित्रकला भी देखने को मिली।