इस राज्य में खाई जाती है लाल चींटी की चटनी, जानें क्यों

ओडिशा का मयूरभंज जिले में एक खास व्यंजन काई चटनी या लाल चींटियों की चटनी जोकि लाल चींटियों से बनाया जाती है, आइए जानते हैं कि इसे वे क्यों खाते हैं-

ओडिशा की इस मशहूर डिश को GI (Geographical Indication) टैग भी मिल चुका है।

इन चीटियों का वैज्ञानिक नाम ओकोफिला स्मार्गडीना है। इन चीटियों का डंक बेहद दर्दनाक होता है।

ये खास किस्म की चींटियां ओडिशा के मयूरभंज जिले के घने जंगलों, खासकर सिमिलिपाल जंगल में मिलती हैं। सदियों से आदिवासी परिवार जंगल में मिलने वाले कीड़ों से चटनी बनाते हैं।

औषधीय गुणों के कारण इस चटनी को बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं। ओडिशा के साथ ही झारखंड और छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में भी बनाई जाती है।

सबसे पहले लाल बुनकर चींटियों और उनके अंडों को एकत्रित किया जाता है। फिर इन्हें साफ किया जाता है। फिर इसमें चींटियों के साथ नमक, लहसुन, मिर्च और अदरक डालकर पीसा जाता है।