जाने कैसे बर्बरीक से बने "बाबा खाटू श्याम"

महाभारत के युद्ध के समय एक वीर योद्धा जो एक बाण में पूरा युद्ध को समाप्त कर सकता था ये योद्धा घटोत्कच का पुत्र बर्बरीक था।

महाभारत का महायुद्ध

पौराणिक कहानी के अनुसार, बर्बरीक के पास तीन दिव्य बाण थे, जिससे वो तीनों लोक को जीत सकता था।

बर्बरीक की शक्तियां

बर्बरीक ने महाभारत का युद्ध लड़ने का इरादा किया था क्योकि उनकी माँ ने सिखाया था कभी भी कमजोर पक्ष के तरफ से युद्ध लड़ना।

बर्बरीक का युद्ध का इरादा

श्री कृष्ण ने को जब बर्बरीक का आने का पता चला वो तुरंत बर्बरीक से अपने कूटनीतिज्ञ से तरीके शीशदान मांग लिए।

श्री कृष्ण को शीशदान

बर्बरीक के अपने शीशदान के बदले भगवान श्री कृष्ण ने कलियुग में स्वयं के नाम से पूजित होने का वर दिया। कटे हुए सर से उन्होंने पुरे महाभारत देखा।

बर्बरीक का बलिदान

महाभारत युद्ध के बाद बर्बरीक का शीश को रूपावती नदी में बहा दिया गया। जिसके बाद राजस्‍थान के सीकर के खाटू गांव में दफ़न मिला।

खाटू श्‍याम का उद्भव

ऐसा माना जाता है खाटू गाँव के राजा रूप सिंह को स्वप्न आया जिसमे इस शीश को एक मंदिर के अंदर स्‍थापित करने को कहा गया था। 

खाटू श्‍याम मंदिर