कार्यशील पूंजी का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्व एवं स्रोत
आधुनिक व्यवसाय जगत में कार्यशील पूंजी किसी भी संगठन में एक महत्वपूर्ण वित्त का स्रोत है जो अल्पकालीन वित्त के माध्यम से संगठन की आवश्यकता पूर्ति करती है। व्यावसायिक संस्था…
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) एक ऐसा विषय है जिसमें ब्रिटिश भारत की आर्थिक स्थिति, स्वतंत्रता के बाद पंचवर्षीय योजना, आर्थिक नीति, वैश्वीकरण नीति, राष्ट्रीय आय, गरीबी, खाद्य सुरक्षा, रोजगार, बुनियादी ढाँचा, ग्रामीण विकास, बजट सहित कई विषय शामिल हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) सामाजिक विज्ञान का एक अनिवार्य हिस्सा है जो हमें अतीत, वर्तमान और भविष्य के संदर्भ में हमारे देश के आर्थिक कामकाज और स्थितियों को समझने में मदद करता है।
इस ट्यूटोरियल को विभिन्न अध्यायों में विभाजित किया गया है और भारतीय अर्थव्यवस्था की अवधारणा और स्थायी विकास की व्याख्या करता है।
यह ट्यूटोरियल विशेष रूप से सिविल सेवा, बैंकिंग, रेलवे, IAS, PCS और पात्रता परीक्षा सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बनाया गया है।
आधुनिक व्यवसाय जगत में कार्यशील पूंजी किसी भी संगठन में एक महत्वपूर्ण वित्त का स्रोत है जो अल्पकालीन वित्त के माध्यम से संगठन की आवश्यकता पूर्ति करती है। व्यावसायिक संस्था…
आपूर्ति किसी वस्तु की उन मात्राओं को दर्शाती है जिनका उत्पादक विभिन्न कीमतों पर, प्रति समय इकाई, उत्पादन कर बिक्री करने को तैयार होते हैं। आपूर्ति’ शब्द के ये अभिलक्षण…
अमेरिकी के ट्रेजरी विभाग द्वारा उन देशों को करेंसी मैनिपुलेटर कहा जाता है; जो "अनुचित मुद्रा प्रथाओं" को अपनाकर डॉलर के मुकाबले अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करते हैं। अमेरिकी का ट्रेजरी…
भारत ने किसानों से सीधे जुड़ने के लिए विदेशी निवेशकों के लिए आर्थिक कूटनीति वेबसाइट (Economic Diplomacy Website) के रूप में एक डिजिटल इंटरफेस लॉन्च किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर…
पंचवर्षीय योजना: आजादी के बाद, देश में सबसे मुश्किल काम था, आर्थिक व्यवस्था के प्रकार को तय करना था जो देश भर में समान रूप से कल्याण को बढ़ावा देने…
भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्तमान स्तर को समझने के लिए, ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता के बाद की आर्थिक विकास नीतियों के दौरान भारत की आर्थिक प्रणाली को समझना महत्वपूर्ण है। तो…