भारत की मिट्टी के प्रकार
मृदा प्रकार मिट्टी विज्ञान में एक वर्गीकरण इकाई है। अच्छी तरह से परिभाषित गुणों के एक निश्चित सेट को साझा करने वाली सभी मिट्टी एक विशिष्ट मिट्टी के प्रकार का…
भूगोल (Geography) एक ऐसा विषय है; जिसका उद्देश्य लोगों को इस विश्व का, आकाशीय पिण्डो का, स्थल, महासागर, जीव-जन्तुओं, वनस्पतियों, फलों तथा भूधरातल के क्षेत्रों मे देखी जाने वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त कराना हैं।
भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है; जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है।
यह पृष्ठ विशेष रूप से सिविल सेवा, बैंकिंग, रेलवे, पात्रता परीक्षा, आईएएस, पीसीएस और इस तरह के अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बनाया गया है।
इसके अलावा, स्कूल के छात्र (विशेषकर कक्षा 11 वीं और 12 वीं कक्षा) भी अपने भूगोल पाठ्यक्रम (विशेषकर वार्षिक परीक्षा के समय) के रिवीजन के लिए इस लेख का लाभ उठा सकते हैं।
मृदा प्रकार मिट्टी विज्ञान में एक वर्गीकरण इकाई है। अच्छी तरह से परिभाषित गुणों के एक निश्चित सेट को साझा करने वाली सभी मिट्टी एक विशिष्ट मिट्टी के प्रकार का…
गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में चट्टानी मलबे एवं भू-सतह जैसे ढलान पर स्थित पदार्थों का नीचे तथा बाहर की ओर संचलन भूस्खलन (लैंडस्लाइड) कहलाता है। भारत में मानव-प्रेरित भूस्खलनों की संख्या…
विश्व की प्रमुख झीलें, झील ऐसी जलराशि होती है जिसमें स्थायित्व होता है या जल का ऐसा स्थिर भाग जो चारों ओर से स्थलखण्डों से घिरा होता है। सामान्य शब्दों…
भारत की जलवायु पर दो प्रकार की मौसमी हवाओं का प्रभाव पड़ता है - पूर्वोत्तर मानसून और दक्षिण पश्चिमी मानसून। पूर्वोत्तर मानसून को आमतौर पर शीत मानसून कहा जाता है।…
भारत में झील हिमालय में अन्य पर्वतीय प्रदेशों की तुलना में बहुत कम झीलें पाई जाती हैं। भारत की प्रमुख झीलें का निर्माण अनेक कारणों से होता है। भारत की…
1962 में कज़ाखस्तान में पाया गया एक उल्कापिंड जिसका वजन 21 किलोग्राम के आस-पास है उस उल्कापिंड पर कुछ शोधकर्त्ताओं ने उस टुकड़े का विश्लेषण करके प्रारंभिक अवस्था में सूर्य…
संसाधन शब्द का अभिप्राय साधारणत: मानवी उपयोग की वस्तुओं से है। ये प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों हो सकती हैं। मनुष्य प्रकृति के अपने अनुरूप उपयोग के लिए तकनीकों का विकास…