सम्वत (Samvat) क्या है?:- हिंदू कैलेंडर के अनुसार नया साल हम चैत्र मास से मनाते हैं। हम प्राप्त कैलेंडर के समय के अनुसार 2081 में प्रवेश कर चुके हैं। आज से 1582 वर्ष पहले हिन्दू कैलेंडर हमारे अस्तित्व हुआ करता था। लेकिन वर्ष 1582 में रोम का ग्रेगोरियन कैलेंडर आया और पश्चिम की संस्कृति ने पूरी दुनिया को अपनी पकड़ में ले लिया, जिसके बाद पूरी दुनिया एक जनवरी को नए साल का जश्न मनाने लगी।
विक्रम सम्वत का महत्व
ब्रह्मपुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि बनी थी और इसी दिन भारतवर्ष में कालगणना भी शुरू हुई थी। जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत ईसा मसीह के जन्म से मानी जाती है। विक्रम संवत 57 वर्ष पहले आरंभ होता है पूरे विश्व में 12 महीने का एक वर्ष और सात दिन के एक सप्ताह की जो व्यवस्था है, वह विक्रम संवत की ही देन है। विक्रम संवत सबसे वैज्ञानिक है जिसमें सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण और अन्य खगोलीय परिस्थितियों का तथा यह ऋतुओं के साथ-साथ ग्रह नक्षत्रों की पूरी स्थिति को भी बताता है।
स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय पंचांग के रूप में जिसे चुना गया वह विक्रम संवत नहीं, बल्कि शक संवत है। यह विक्रम संवत से 135 वर्ष बाद और अंग्रेजी कैलेंडर से 78 वर्ष बाद आरंभ होता है। इसके अंतर्गत राजा विक्रमादित्य, कालिदास और उज्जैनी नगरी पर यह सबसे प्रमाणिक पुस्तक मानी जाती है। आज हम प्राचीन भारत में प्रमुख संवत के बारे में जानेगें-
प्राचीन भारत मे प्रमुख सम्वत/सवत्सर
सम्वत नाम | आरंभिक वर्ष | महत्वपूर्ण तथ्य |
कलि | 3102 ई.पू. | महाभारत युद्ध के 20 वर्ष कृष्ण की मृत्यु व राजा परीक्षित का जन्म (एहोल अभिलेख 634 ई. मे उल्लेख) |
सप्तर्षि/लौकिक | 3076 ई.पू. | कलि सम्वत के 25 वर्ष बाद आरम्भ, कश्मीर में प्रचलित |
विक्रम/कृत/मालव/सतयुग | 57 ई.पू. | उज्जैन के राजा विक्रमादित्य द्वारा शकों पर विजय के उपलक्ष्य मे प्रारंभ। |
शक | 78 ई. | कुषाण राजा कनिष्क द्वारा राज्यारोहण के उपलक्ष्य में प्रारंभ, इसे शालिवाहन शकांद भी कहा जाता है। 22 मार्च 1957 को भारत सरकार द्वारा “राष्ट्रीय संवत” के रूप मे स्वीकार किया गया। |
कलचुरी/चेदी | 248 ई. | पश्चिमी भारत के आभीरवंशी शासक ईश्वर सेन द्वारा प्रारंभ। |
गुप्त/वल्लभी | 319 ई. | गुप्तवंशी शासक चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा राज्यारोहण के उपलक्ष्य में प्रारंभ |
हर्ष संवत | 606 ई. | कन्नौज शासक हर्षवर्धन के राज्यारोहण के समय प्रारंभ |
कोल्लम संवत | 824 ई. | मालाबार तट पर शंकराचार्य के सुधार आंदोलन क्रम में चलाया गया |
नेवारी/नेपाली | 879 ई. | जयदेव मल्ल द्वारा प्रारंभ |
चालुक्य प्रथम | 1076 ई. | 11 फरवरी, 1076 ई. कल्याणी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य षष्ठ के राज्यारोहण के समय प्रारंभ |
लक्ष्मण संवत | 1119 ई. | बंगाल के सेन वंशी शासक लक्ष्मण सेन द्वारा प्रारंभ |
सिद्ध/सिंह संवत | 1113-14 ई. | चौलुक्य (सोलंकी) नरेश जयसिंह सिद्धराज द्वारा प्रारंभ |
आनंद विक्रम | 1192 ई. | इस संवत का विवरण चन्दरबरदाई की पुस्तक “पृथ्वीराज रासो” में है। |
श्रीलंका में बुद्ध सम्वत तथा जैन मतावलम्बियों में महावीर सम्वत प्रचलन में रहे हैं। 20 जून 622 ई. को मुहम्मद पैगम्बर द्वारा हिजरत (मक्का से मदीना प्रस्थान) करने से हिजरी सम्वत की शुरुआत हुई। सम्वत की शुरुआत संभवतः शासक के राज्याभिषेक से जुड़ी होती है।
शक संवत के दिन और समय
क्रम | माह | दिवस | मास प्रारम्भ तिथि (ग्रेगोरियन कैलेंडर) |
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१ | चैत्र | 30/31 | 22 मार्च |
२ | वैशाख | 31 | 21 अप्रैल |
३ | ज्येष्ठ | 31 | 22 मई |
४ | आषाढ़ | 31 | 22 जून |
५ | श्रावण | 31 | 23 जुलाई |
६ | भाद्र | 31 | 23 अगस्त |
७ | आश्विन | 30 | 23 सितंबर |
८ | कार्तिक | 30 | 23 अक्टूबर |
९ | मार्गशीर्ष | 30 | 22 नवम्बर |
१० | पौष | 30 | 22 दिसम्बर |
११ | माघ | 30 | 23 जनवरी |
१२ | फाल्गुन | 30 | 20 फ़रवरी |
सम्वत का रूपांतरण
- ईस्वी (ई.) (A.D.) :- यह “एनो डोमिनी” शब्द का संक्षिप्त रूपांतरण है। अर्थात ईसा मसीह के जन्म तिथि से आरम्भ।
- ईसा पूर्व (ई.पू.) (B.C.) :- बिफोर क्राइस्ट शब्द का संक्षिप्त रूपांतर है। ईसा मसीह के जन्म वर्ष के पूर्व के वर्षों को ईसा पूर्व कहा जाता है। आजकल इतिहासकारों द्वारा B.C.के स्थान पर B.C.E. तथा A.D. की जगह C.E. शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। B.P. अक्षरों का प्रयोग भी ईसा पूर्व के लिए होता है।
ईस्वी सन को विक्रम सम्वत में रूपांतरित करने के लिए उसमे 57 जोड़ दिए जाते हैं जैसे –
- ईस्वी सन —————————— विक्रम सम्वत
2024 +57 = 2081 - विक्रम सम्वत ————————— ईस्वी सन
2081 -57 = 2024
ईस्वी सन को शक सम्वत में परिवर्तन के लिए उसमे से 78 घटा दिए जाते हैं। जैसे –
- ईस्वी सन —————————- शक सम्वत
2024 -78 = 1946 - शक सम्वत ————————— ईस्वी सन
1946 +78 = 2024