ओम पर्वत : प्रकृति भी करते है यहाँ ॐ का जाप

प्रकृति भी करते है यहाँ ॐ का जाप- ओम पर्वत। 

भगवान के अस्त्तिव के बारे में हर इंसान की अपनी अलग-अलग धारणाएँ होती है। वैसे तो इस संसार में भगवान के अस्तित्व का ऐसा बहुत से ऐसे प्रमाण मौजूद है जो भगवान के होने की ओर इशारा करते है। हम से कुछ लोग ऐसे भी है जो मानते है कि यह पूरा ब्रह्माण्ड भगवान के द्वारा रचा गया है और इस पुरे संसार का वो संचालित करते है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जिनके भगवान को लेकर प्रश्न चिन्ह लग जाते है। लेकिन फिर भी यह प्रकृति हमेशा से अपने संचालनहार का होने का प्रमाण देता रहा है इनमे से एक है हिमालय के पहाड़ों के मध्य स्तिथ (ॐ) ओम पर्वत।

पुराणिक कल से ही हिन्दू धर्म में ॐ शब्द का बहुत महत्त्व रहा है। वैद-पुराण के अनुसार ॐ शब्द  के उच्चारण से मनुष्य की ध्यान शक्ति बढ़ती है साथ ही चिंता और परेशानियां भी दूर होती है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।अगर अपने कभी भी किसी मंत्र का उच्चारण किया होगा तो आपको पता होगा कि मंत्र की शुरुवात ही ॐ शब्द से होता है जिसका संबंध हिंदु धर्म के सबसे पूजन्य देवता भगवान शिव से है। लेकिन आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि ओम शब्द का महत्वता को आज वैज्ञानिक भी मानते है।

ओम पर्वत
ओम पर्वत

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिमालय पर कुल 8 प्राकृतिक ओम की आकृतियां बनी हुई हैं। इनमें से अबतक केवल ओम पर्वत की ही आकृति के बारे में पता चल सका है। कहा जाता है कि इस पहाड़ पर बर्फ के बीच ‘ऊँ’ शब्द का आकार दिखता है और कुछ मान्यताओ के अनुसार यह पहले कभी भगवान शिव का वास रहा होगा। लेकिन क्या है ओम पर्वत का इतिहास और क्यों ये लोगों के लिए इतना खास है चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते है।

ओम पर्वत से जुड़ी अद्भुत और रहस्यमय बातें

  • विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला हिमालय के पहाड़ो में से एक है ओम पर्वत (Om Parvat)।
  • हिमालय के पहाड़ों के बीच ‘ऊँ’ शब्द का आकार दिखता है, जिससे इस पर्वत को ओम पर्वत कहा जाता है।
  • इसे आदि कैलाश के नाम से जाना जाता है।
  • ओम पर्वत की ऊंचाई समुद्र तक से 6,191 मीटर (20,312 ft) है।
  • प्रचलित मान्यताएं इसे चमत्कार बताती हैं, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि शिव यहां विराजित हैं।
  • आदि कैलाश के अलावा ओम पर्वत को लिटिल कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है।
  • ओम पर्वत को लेकर माना जाता है कि इस पर्वत पर बर्फ गिरने पर ये ओम की ध्वनि उत्पन्न करता है।
  • भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत को माना जाता है लेकिन ये बहुत कम लोग जानते है कि पूरी दुनिया में कुल 3 कैलाश है जिसमें से पहला कैलाश मानसरोवर है जो चीन के तिब्बत में स्थित है दूसरा उत्तराखंड में आदि कैलाश यानी ओम पर्वत है और तीसरा किन्नौर कैलाश है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
  • आप कैलाश-मानसरोवर यात्रा पर जाते हैं तो रास्ते में आपको एक जगह ऐसी नजर आएगी जहाँ आपको पहाड़ के ऊपर बर्फ से ॐ लिखा हुआ दिखेगा। यह एक चमत्कार है जो प्राकृतिक रूप से हुआ है।
  • कई पर्वतारोहियों के दल इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने का प्रयास कर चुके हैं। सबसे पहला ब्रिटिश और भारतीय पर्वतारोहियों के संयुक्त दल ने किया था। दल ने इस पर्वत की धार्मिक मान्यता का सम्मान करते हुए शिखर से 30 फीट पहले ही रुक जाने का फैसला किया था लेकिन मौसम खराब हो जाने की वजह से इस दल को चोटी से 660 मीटर से ही वापस लौट आया था
  • इसके बाद 8 अक्टूबर 2008 में पर्वतरोहियों का एक दल ओम पर्वत पर गया था और पर्वत की आर्थिक महत्तव को समझते हुए कुछ मीटर दूर से वापस लौट आया।

ये पर्वत भारत के उत्तराखंड में धरचूला के पास तिब्बत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। लेकिन इस पर्वत से ओम का मुख भारत की तरफ है। और भारत के उत्तराखंड राज्य के कुछ स्थानों से ओम पर्वत का ये अद्भुत सौंदर्य साफ नजर आता है।

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