इलेक्ट्रॉन की खोज व विशेषता

एक अणु के तीन घटक होते हैं जो कि इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के नाम से जाने जाते हैं। यह तीन Particles के द्वारा ही एक अणु (Atom) का निर्माण होता है, उसके बाद अणु के द्वारा ही हर प्रकार के तत्व का निर्माण होता हैं।

इन तीनो पार्टिकल्स में इलेक्ट्रॉन एक नेगेटिव चार्ज पार्टिकल होता है जिसका द्रव्यमान (Mass) सबसे कम होता। परमाणु के अंदर जहां उसके नाभिक केंद्र (Nucleus) में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन साथ में रहते हैं तो इलेक्ट्रॉन अपने Nucleus की परिक्रमा करता है।

मुख्य तथ्य

  • एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान काफी कम होता है, यह एक अणु और प्रोटोन और न्यूट्रॅान से भी काफी कम होता है।
  • इलेक्ट्रॉन का शेष द्रव्यमान 9.10938356 × 10^-31 किग्रा है , जो कि प्रोटॉन के केवल 1 / 1,836 के बराबर है। 
  • इलेक्ट्रॉन बहुत ही छोटे कण होते हैं और यह किसी भी परमाणु में उतनी ही संख्या में होते हैं जितनी संख्या में उस परमाणु में पॉजिटिव चार्ज पार्टिकल्स होते हैं। 
  • इलेक्ट्रॉनों में कणों और तरंगों के गुण होते हैं: वे अन्य कणों के साथ टकरा सकते हैं और प्रकाश की तरह फैल सकता है इलेक्ट्रॉनों के आकार बादलों के समान हैं जो एक परमाणु के नाभिक के चारों ओर होते हैं। 

इलेक्ट्रॉन की खोज

इलेक्ट्रॉन को 1897 में अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी जे जे थॅामसन द्वारा कैथोड किरणों की जांच के दौरान खोजा गया था। उनकी इस खोज नें परमाणु विज्ञान की दिशा बदल दी थी।

1897 में एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी सर जे.जे. थामसन ने दिखाया कि यह किरणें ऋणावेशित कणों की धारा के बने थे यह निष्कर्ष प्रयोगात्मक अनुभव के आधार पर किया गया था जब प्रयोग एक बाहरी विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में किया गया था जो कैथोड किरणों के गुण हैं।

कैथोड किरणों के गुण है :-

  • कैथोड किरणें सीधी लाइन में चलती है
  • कैथोड किरणों के घटक कणों का द्रव्यमान है और उनमें गतिज ऊर्जा होती है।
  • कैथोड किरणों के घटक का द्रव्यमान नगण्य है मगर वह तेज गति से चलते हैं।
  • कैथोड किरणों के घटक ऋणआवेशित होते हैं और बाहरी विद्युत क्षेत्रा की उपस्थिति में घनावेशित प्लेट की ओर आकर्षित होते हैं।
  • उत्पन्न हुर्इ कैथोड किरणों की प्रकृति, कैथोड किरण ट्यूब में भरी हुई गैस और कैथोड व एनोड बनाने के लिये प्रयुक्त धातु की प्रकृति पर निर्भर नहीं थी। प्रत्येक स्थिति में आवेश और द्रव्यमान का अनुपात (e/m) एक समान पाया गया।
इलेक्ट्रान

कैथोड किरणों के इन कणों को बाद में इलेक्ट्रॉन का नाम दिया गया। कैथोड किरणों के गुण एक जैसे होते हैं चाहे कैथोड ट्यूब में कोई भी गैस ली जाये या कैथोड किसी भी धातु का बना हो। इससे थामसन ने यह निष्कर्ष निकाला कि सभी परमाणु में इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि ‘‘परमाणु अविभाज्य है’’ जैसा कि डाल्टन और दूसरों के द्वारा माना जाता था।

इलेक्ट्रान की विशेषता

इलेक्ट्रॉनों में कणों और तरंगों के गुण होते हैं: वे अन्य कणों के साथ टकरा सकते हैं और प्रकाश की तरह फैल सकता है इलेक्ट्रॉनों के आकार बादलों के समान हैं जो एक परमाणु के नाभिक के चारों ओर होते हैं। एक इलेक्ट्रॉन एक निश्चित मात्रा में ऊर्जा रखता है। जो कि इसके विपरीत विरोध वाले नाभिक से इसकी दूरी बनाए रखती है। इस ऊर्जा के साथ, इलेक्ट्रॉन नाभिक में नहीं गिरता हैं।

  • इलेक्ट्रान की निम्न विशेषता होती है:—
    • इलेक्ट्रान प्रत्येक परमाणु का एक अनिवार्य घटक है ।
    • इस पर ऋणावेश होता है।
    • इसका विराम द्रव्यमान 9,1×10“10होता है।
    • इलेक्ट्रान परमाणु के नाभिक के चारो और अपनी निष्चित कक्षाओ में चक्कर लगाते रहते है।
    • इलेक्ट्रान को e या _e° से प्रदर्शित करते है।

ब्रह्माण्ड में अधिकतर विद्युदणुओं का निर्माण बिग-बैंग के दौरान हुआ है, इनका निर्माण रेडियोधर्मी समस्थानिक (radioactive isotope) से बीटा-क्षय और अंतरिक्षीय किरणो (cosmic ray) के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान उच्च ऊर्जा टक्कर के कारण भी होता है।

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